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अपने आप चलेगी कार

२९ सितम्बर २०११

फिल्मों में खुद ब खुद चलने वाली कारें तो बहुत देखी हैं, लेकिन अगर सच में ये बन जाएं तो ड्राइवर ढूंढने की चिंता खत्म हो जाएगी. कार अपने आप चलेगी और आप आराम से बैठ कर अपनी नींद पूरी कर सकेंगे.

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तस्वीर: dapd

कारों में महारत हासिल करने वाली जर्मन कंपनी बीएमडब्ल्यू इस दिशा में काम कर रही है. म्यूनिख में प्रोजेक्ट लीडर निको केम्पशन का कहना है कि भविष्य में सभी कारें ऑटो पायलट पर चला करेंगी. रडार, लेजर और कैमरों की मदद से कारें अपना रास्ता खुद ही ढूंढ लेंगी. हालांकि इस के लिए इंतजार करना होगा, "इस तरह की तकनीक को कारों में लाना, जिस से वे रास्ता अपने आप ही ढूंढ कर चलती रहें, इसमें तो अभी काफी समय लगेगा."

Italien Fahrerloses Auto
तस्वीर: AP

फिलहाल निको केम्पशन 'ऑप्टिमाइजिंग असिस्टेंस सिस्टम' पर काम कर रहे हैं जो कार चलाने में कई तरह से मददगार साबित हो सकता है. मौजूदा आधुनिक कारों में पार्किंग असिस्टेंट की सुविधा आम हो गई है, जिनमें आगे और पीछे सेंसर लगे होते हैं. केवल एक बटन दबाने से कार पार्किंग के लिए तैयार हो जाती है और अपने लिए जगह खोज लेती है. ड्राइवर को केवल एक्सलरेटर और ब्रेक का ध्यान रखना होता है, और छोटी से छोटी जगह में इसकी मदद से कार पार्क करना संभव हो पाता है. इस 'पार्क-असिस्ट' की कीमत तीस से साठ हजार रुपये के बीच है.

जर्मनी की तकनीकी परीक्षण संस्था कुएस के हांस गेओर्ग मार्मिट की सलाह है कि इस तरह की तकनीक में और निवेश करना चाहिए, "कार पार्क करते वक्त गाड़ी को अगर जरा सी भी टक्कर लग जाए तो आपको अपनी कार की मरम्मत का भी खर्चा उठाना पड़ता है और जिसके साथ टक्कर हुई है उसका भी."

Auto mit Sensoren Cebit
तस्वीर: DW/Insa Wrede

बीएमडब्यू और फोल्क्सवागेन कंपनियों में इस बात पर शोध चल रहा है कि ड्राइवर के कार में बैठे बिना ही उसे किस तरह पार्क किया जा सके. इस तरह के सिस्टम से कार को ऐसी तंग जगह पर पार्क करने में मदद मिलेगी जहां पार्क करने के बाद ड्राइवर कार से बाहर नहीं निकल सकता. कार को पार्किंग से निकालने के लिए आपको बस रिमोट कंट्रोल का बटन दबाना है, कार का इंजन अपने आप शुरू हो जाएगा और कार खुद ही बाहर निकल आएगी.

USA General Motors Elektroauto Volt
तस्वीर: AP

हालांकि दोनों ही कंपनियां अभी भी यह बताते हुए हिचकिचा रही हैं कि इस तरह का सिस्टम बाजार में कब उपलब्ध होगा. लोगों के लिए ऐसे सिस्टम बेहद रोमांचक तो हैं, लेकिन साथ ही इस बात का डर भी है कि इस से कार पर उनका कोई नियंत्रण नहीं रहेगा.

जर्मन वेबसाइट ऑटोस्काउट24 द्वारा किए गए एक सर्वे में पाया गया कि 24 प्रतिशत जर्मन खुद ही कार चलाना पसंद करते हैं, 27 प्रतिशत ने इस सिस्टम में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, और एक तिहाई लोगों ने कहा कि वह ट्रैफिक के अनुसार ही इस बात को तय कर पाएंगे. केवल 17 प्रतिशत ही ऐसे थे जिन्होंने कहा कि वे ऑटो पायलट का इस्तेमाल करना पसंद करेंगे. सर्वे करने वाले थोमास वाइस ने इस बारे में कहा, "अधिकतर लोगों को लगता है कि कार में ऑटो पायलट केवल साइंस फिक्शन फिल्मों में ही हो सकता है. यह जरूरी है कि बाजार में आने से पहले इसके कुछ फायदे देखे जा सकें."

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: महेश झा

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