अपने से इस्तीफा नहीं दूंगाः कलमाड़ी
६ अगस्त २०१०कलमाड़ी ने कहा कि कॉमनवेल्थ खेलों को कामयाब कराना उनकी पहली प्राथमिकता है और वह अपनी जिम्मेदारी से भागेंगे नहीं. उन्होंने कहा कि अगर खेलों के बाद उनके खिलाफ कुछ भी मिलता है तो वह पद छोड़ देंगे.
कलमाड़ी ने एक भारतीय टीवी चैनल से कहा, "अगर मेरे नेता और आईओए चाहें तो मैं पद छोड़ने को तैयार हूं. अगर वाकई ऐसा कुछ बहुत गलत हुआ है तो. लेकिन मैं आपको बता रहा हूं कि कुछ गलत नहीं हुआ. आप जांच रिपोर्ट आने दीजिए. ऐसा कुछ भी नहीं, जिस पर शर्मिंदा हुआ जाए."
कलमाड़ी से जब पूछा गया कि क्या वह भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इस्तीफा देंगे, तो उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने के बजाय मैं गलती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करूंगा. उन्होंने कहा, "अगर वाकई कुछ गलत हुआ है तो मैं किसी को नहीं बख्शूंगा. मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं है. आरोप दूसरों पर है."
भ्रष्टाचार के आरोपों में ब्रिटेन में स्थित भारतीय दूतावास से मिले ईमेल की छेड़छाड़ का मामला भी है. इस ईमेल के साथ छेड़छाड़ इसलिए की गई बताई जाती है क्योंकि ब्रिटेन की एक कंपनी को गए करोड़ों रुपये को सही ठहराया जा सके. इस बारे में कलमाड़ी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि ईमेल सही थे या नहीं.
ब्रिटिश कंपनी को क्वींस बेटन रिले के आयोजन के लिए पैसे दिए गए. इस मामले में ऑर्गनाइजिंग कमेटी के संयुक्त महानिदेशक टीएस दरबारी को निलंबित किया जा चुका है. दरबारी ने ही लंदन में रिले का कामकाज देखा.
ईमेल के साथ छेड़छाड़ का खुलासा भारतीय विदेश मंत्रालय ने किया. इनमें कंपनी एएम फिल्म्स का नाम बाद में डाला गया. इस मामले की जांच तीन सदस्यों की एक कमेटी कर रही है. कलमाड़ी कहते हैं, "मैंने दरबारी से ईमेल दिखाने को कहा और उन्होंने मुझे ईमेल दिखाए. हो सकता है मुझे गुमराह किया गया हो. मैं तकनीकी विशेषज्ञ नहीं हूं. मंत्रालय ने अलग ईमेल दिखाए. मुझे नहीं पता कि उनसे छेड़छाड़ हुई या नहीं. जांच में इसका पता चलेगा."
हालांकि कलमाड़ी ने दरबारी का बचाव किया. उन्होंने कहा कि दरबारी बहुत योग्य अफसर हैं और उन्होंने अच्छे से काम किया. जब उनसे पूछा गया कि एक ऐसे अफसर को कमेटी में क्यों रखा गया जिन पर पहले भी आरोप लग चुके हैं, तो कलमाड़ी ने कहा, "उस मामले में दरबारी को निलंबित नहीं किया गया बल्कि सिर्फ छुट्टी पर भेजा गया. उन्होंने लिख कर दिया कि उस मामले में वह बस गवाह थे, इससे ज्यादा कुछ नहीं. इसीलिए उन्हें वापस ले लिया गया."
ऑल इंडिया टेनिस असोसिएशन के अध्यक्ष अनिल खन्ना ने भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद इस्तीफा दे दिया. उन पर आरोप हैं कि जिस कंपनी को ठेका मिला उसमें खन्ना का बेटा काम करता है. इस पर नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए खन्ना ने इस्तीफा दे दिया. जब कलमाड़ी से पूछा गया कि वह नैतिक जिम्मेदारी क्यों नहीं लेते, तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, "दूसरों की गलती की जिम्मेदारी मैं नहीं ले सकता. मेरे साथ 2000 लोग काम कर रहे हैं. मैं सारे कागज नहीं देखता. मामले एक्जक्यूटिव बोर्ड को जाते हैं जहां चार सरकारी अफसर बैठे हैं. हर एक पैसा ऐसी कमेटियों के जरिए पास हुआ है."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए जमाल