1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अफगानिस्तान के साथ होने हैं कई करार

१० नवम्बर २०१२

भारत और अफगानिस्तान के संबंधों को और मजबूत करने की ख्वाहिश के साथ अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई शुक्रवार को भारत पहुंचे. शुक्रवार को मुंबई से शुरू हुई उनकी चार दिन की यात्रा के दौरान कई अहम समझौते होने हैं.

https://p.dw.com/p/16gHb

राष्ट्रपति हामिद करजई पहले मुंबई में कारोबारी दिग्गजों से मुलाकात कर जंग से तबाह अपने देश में निवेश के लिए उनका मन बनाएंगे. इसके बाद दिल्ली आकर शीर्ष नेताओं से मिलेंगे और दोनों देशों के बीच आपसी और क्षेत्रीय मुद्दों पर रणनीतिक बातचीत करेंगे. भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रपति करजई क्षेत्रीय सुरक्षा की हालत और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा समेत तमाम मसलों पर बातचीत करेंगे. दोनों नेताओं की यह बातचीत सोमवार 12 नवंबर को होगी. विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव यश सिन्हा ने पत्रकारों को बताया कि दोनों नेताओं की मुलाकात में आपसी मुद्दों के अलावा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर भी चर्चा होगी.

क्षेत्रीय मुद्दों के बारे में यश सिन्हा ने बताया कि भारत उम्मीद करता है कि पहले से मौजूद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच के कारोबारी समझौते को विस्तार दे कर भारत को भी इसमें शामिल किया जाएगा जिससे कि भारत से अफगानिस्तान सामान भेजा जा सके. करजई की यात्रा से पहले अफगानिस्तान के दूत शैदा मोहम्मद अब्दाली ने बताया कि दोनों पक्ष अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बल के लिए भारतीय प्रशिक्षण को तेज करने के तरीके भी ढूंढेंगे. अब्दाली ने कहा, "भारत ने अफगानिस्तान की सुरक्षा मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई है." अब्दाली ने यह भी कहा कि करजई भारत में बड़े अहम समय पर आ रहे हैं जब अंतरराष्ट्रीय युद्धक सेना अफगानिस्तान से 2014 तक बाहर निकलने की तैयारी में है. दोनों देशों के बीच इस दौरान खनन, युवा मामले, लघु विकास की योजनाएं और उर्वरक के मामले में चार करारों पर दस्तखत होने हैं.

Indien Hamid Karzai Manmohan Singh
तस्वीर: dapd

भारत की ओर से अफगानिस्तान में चल रहे काम और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का मसला अहम मुद्दा होगा. इनमें अफगानिस्तान में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के अलावा वहां निर्माण और राहत के कामों में जुटे भारतीय लोगों की सुरक्षा का मसला शामिल है. 2.3 अरब डॉलर की सहायता कार्यक्रम की प्रतिबद्धता के साथ भारत अफगानिस्तान के लिए सबसे बड़े दानदाताओं में शामिल है. यह पैसा अर्थव्यवस्था, मानवीय सहायता, शिक्षा, विकास, निर्माण और बिजली की योजनाओं पर खर्च किया जा रहा है. गुरुवार को ही अफगानिस्तान के लिए भारत ने 540 करोड़ रुपये की विकास सहायता को मंजूरी दी है.

केंद्रीय कैबिनेट की प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में लघु विकास योजना के तीसरे चरण की मंजूरी दी. यह योजना अफगानिस्तान के सभी 34 प्रांतों में लागू की जाएगी. भारत ने उम्मीद जताई है कि करजई का दौरा दोनों देशों को रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करने औऱ उसे तेज करने में मददगार होगी.

एनआर/एएम (पीटीआई,डीपीए)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी