अफगानिस्तान पहुंचे अमेरिकी और जर्मन रक्षा मंत्री
१४ मार्च २०१२अफगानिस्तान दौरे पर पहुंचे पनेटा ने कहा कि हाल ही में नाटो के एक सैनिक के हाथों अफगानिस्तान के लोगों की जान लिए जाने का मामला अफगानिस्तान में नाटो की कार्रवाई को कमजोर कर सकता है. पनेटा ने कहा कि नाटो और अफगान बलों ने काफी सफलता हासिल की है और आगे भी उन्हें अल कायदा और तालिबान को हराने के लिए इसी तरह एकजुट हो कर काम करने की जरूरत है.
नाटो के एक सैनिक के हमले और कुरान को जलाने के मामले में पनेटा ने कहा, "ये सभी हादसे बेहद चिंताजनक हैं. हम ऐसे मामलों को अपने संकल्प के रास्ते में नहीं आने देंगे. हमें इसी तरह कई बार परखा जाएगा, कभी दुश्मन की तरफ से तो कभी हमारे लोगों की ही तरफ से और कभी जंग हमारा इम्तिहान लेगी."
पेंटागन के प्रवक्ता जॉर्ज लिटल ने बताया कि पनेटा ने कई स्थानीय नेताओं से बातचीत की जो सफल रही. लिटल ने कहा, "पनेटा ने उन्हें बताया है कि अमेरिका अपने मिशन पर ध्यान लगाए हुए है और हाल ही में हुए हादसों का अमेरिका की कार्रवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह हादसे ना ही अफगानिस्तान के लोगों की छवि बनाते हैं, ना ही अफगान सुरक्षा बलों की और ना ही अमेरिका या आईसैफ बलों की. ये वो लोग हैं जो अफगानिस्तान में सही दिशा में बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं." लिटल के अनुसार स्थानीय नेताओं का कहना है कि वे अपने लक्ष्य के इतने करीब कभी न थे जितना अब हैं.
सवालों में घिरा 2014 का लक्ष्य
जर्मन रक्षा मंत्री थोमास दे मेजियेर भी बुधवार को अफगानिस्तान पहुंचे. दे मेजियेर ने कहा कि जर्मनी को 2014 तक अफगानिस्तान से अपनी सेनाओं को वापस बुला लेने का लक्ष्य पूरा करना है. इस से पहले सोमवार को जर्मन चांसलर आंगेला मैर्केल ने कहा था कि अफगानिस्तान में हालात अब भी ऐसे नहीं हैं कि विदेशी सेनाओं को वापस बुलाया जा सके. अफगानिस्तान के मजर ए शरीफ की यात्रा के दौरान उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कह सकती कि 2013-14 तक हम इस लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे."
अफगानिस्तान पहुंचने से पहले जर्मन रक्षा मंत्री दे मेजियेर पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान का दौरा भी कर के आए हैं. दोनों ही देश सुरक्षा के लिहाज से अफगानिस्तान के लिए अहम हैं. अफगानिस्तान में अपने अपने दौरे पर दे मेजियेर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई और रक्षा मंत्री अब्दुल रहीम वरदक से मुलाकात कर रहे हैं. यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब देश मई में होने वाले नाटो शिखर सम्मलेन की तैयारी में लगा है. इस सम्मलेन में अफगानिस्तान में नाटो की कार्रवाई और 2014 तक विदेशी सेनाओं को वापस बुला लेने पर चर्चा की जाएगी.
अमेरिका का आश्वासन
अफगान रक्षा मंत्री अब्दुल रहीम वरदक ने हादसो को निंदनीय बताया है और कहा है कि देश को यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है. अफगान रक्षा मंत्री अब्दुल रहीम वरदक ने जर्मन रक्षा मंत्री थोमास दे मेजियेर के साथ प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "मेरे ख्याल से अमेरिका हमें भरोसा दिला चुका है कि इस पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे." अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका इस मामले को इतनी संजीदगी से ले रहा है जैसे मारे गए लोग उसी के नागरिक और बच्चे हों.
रिपोर्टः एएफपी, एपी / ईशा भाटिया
संपादनः एन रंजन