अफगानिस्तान में हमले, तकरीबन 60 मरे
६ दिसम्बर २०११काबुल में एक आत्मघाती हमलावर ने एक शिया मस्जिद के सामने अपने को उड़ा लिया जहां बहुत से धर्मावलंबी असूरा के मौके पर मातम मनाने के लिए जमा थे. अफगानी स्वास्थ्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने राजधानी के अस्पतालों के हवाले से बताया है कि हमले में 150 लोग घायल हो गए हैं. सुरक्षा बलों का कहना है कि हमलावर संभवतः लोगार प्रांत से शिया श्रद्धालुओं के साथ राजधानी आया था.
आज ही के दिन एक और हमला उत्ती अफगान शहर मजारे शरीफ में भी हुआ. एक शिया मजार पर हुए हमले में पुलिस सूत्रों के अनुसार कम से कम चार लोग मारे गए. शहर केंद्र में हुआ यह हमला एक साइकल पर रखे विस्फोटक के धमाके से हुआ.
अब तक हमलों की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है. सुन्नी तालिबान ने हमले की निंदा की है और एक बयान में कहा है कि निर्दोष नागरिकों पर हमला इस्लाम के खिलाफ है. तालिबान ने कहा है कि इसके लिए दुश्मन हमलावर जिम्मेवार है जो अफगानों के बीच आतंक, अविश्वास और घृणा के बीज बोना चाहता है और देश में बने रहने के लिए एक और बहाना ढूंढ रहा है.
अफगानिस्तान में आबादी का 20 फीसदी हिस्सा शिया संप्रदाय का है. 1996 से 2001 के बीच तालिबान शासन के दौरान वे असूरा पर मातम नहीं मना सकते थे. दस दिनों तक चलने वाला असूरा शिया संप्रदाय का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है.
जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने अफगानिस्तान में हुए हमलों की कड़ी निंदा की है और लोगों के मारे जाने पर गहरा अफसोस व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि इस तरह की तकलीफदेह बातें भी स्थिरता और पुनर्निर्माण की शांतिपूर्ण राह को जारी रखने से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नहीं रोक सकती.
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई से अपनी गहरी संवेदना का इजहार किया है. करजई के साथ बर्लिन में हुई मुलाकात के बाद मैर्केल ने कहा, घटनाएं दिखाती हैं कि "हमें अफगानिस्तान में सुरक्षा देने के लिए और मेहनत करनी होगी."
मैर्केल और करजई ने 2014 में विदेशी टुकड़ियों की वापसी के बाद अपने भावी सहयोग को एक नई सहयोग संधि में तय करने की घोषणा की है. चांसलर ने इस सिलसिले में अफगान सुरक्षा बलों की ट्रेनिंग के अलावा अपने संसाधनों में अफगानिस्तान की भी उचित भागीदारी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जर्मन अपने को अफगानिस्तान के भविष्य के लिए जिम्मेवार महसूस करता है.
रिपोर्ट: एएफपी/महेश झा
संपादन: एन रंजन