अफ्रीकी देशों में महिलाएं लाईं बदलाव
८ मार्च २०११यूरोपीय आयोग की विदेश नीति प्रमुख कैथरीन एश्टन और न्याय आयुक्त विवियाने रेडिंग ने बयान जारी कर कहा है,"हिंसा के दौर में भी महिलाएं बदलाव लाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. हमें उम्मीद है कि महिलाओं ने जो अहम भूमिका संगठनात्मक बदलावों में निभाई है वह पूरी तरह से सामने आएगी और इस क्षेत्र में इसकी चर्चा पहले से ही शुरू हो गई है.भविष्य की दुनिया में महिलाओं की इस भूमिका की चर्चा सबसे ज्यादा होगी."
तानाशाहों के शासन के खिलाफ बुर्का और पर्दे हटा कर महिलाओं ने जींस और टी शर्ट में अपनी आवाज ट्यूनीशिया से ले कर काहिरा और मनामा से लेकर सना तक की सड़कों पर बुलंद की है.
लड़कियों की शिक्षा के लिए बड़े निवेश की मांग करते हुए उन्होंने कहा,"शिक्षा ने महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता हासिल करने के काबिल बना दिया है और उनके भीतर पूरी क्षमता हासिल करने के मौके बढ़ा दिए हैं."
पूर्वी तिमोर से जारी एक अलग बयान में यूरोपीय संघ की विकास आयुक्त आंद्रिस पीबाल्गस ने देश की तारीफ करते हुए कहा कि विकसित होते समाज में महिला सशक्तिकरण के मामले में इस देश ने बड़ी भूमिका निभाई है. पुर्तगाल के इस पुराने उपनिवेश ने 2002 में इंडोनेशिया से आजादी पाई और आज यहां की संसद में 30 फीसदी सीटों पर महिलाएं काबिज हैं. पीबाल्गस ने ये भी कहा कि देश में घरेलू हिंसा जैसे मामलों से निबटने के लिए अच्छे और प्रभावशाली कानून बनाए हैं. पीबाल्गस ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्थिति को पूरा सम्मान दिए बगैर किसी भी देश में मानवीय या आर्थिक विकास नहीं हो सकता. विकास की ये सबसे बुनियादी जरूरत है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः आभा एम