अब ओबामा को कुछ करना भी होगा
१७ दिसम्बर २०१२न्यूटाउन गोलीबारी में मारे गए लोगों के लिए शोक सभा के दौरान ओबामा ने कहा, ""हमें अपने को बदलना होगा." मारे गए बच्चों के शोक में डूबे उनके माता पिता, भाई बहनों और रिश्तेदारों सहित ओबामा अमेरिकी राष्ट्रीय टेलिविजन देखने वाले करोड़ों लोगों को सीधे न्यूटाउन से संबोधित कर रहे थे. उनका कहना था कि ऐसा और नहीं चल सकता, क्योंकि कोई भी समाज अपने सबसे कमजोर सदस्य के लिए जिम्मेदार होता है.
ओबामा सही तो कह रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपने पूरे भाषण के दौरान एक बार भी 'हथियार' शब्द का उपयोग नहीं किया. इसकी एक वजह यह हो सकती है कि अमेरिका में बंदूक का मालिक होना संविधान के जरिए सुरक्षित किया गया है. अमेरिका के 47 फीसदी परिवारों के पास एक हथियार है, 27 करोड़ बंदूक निजी हाथों में है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. इसका मतलब है कि हर दस अमेरिकियों में से नौ के पास बंदूक हैं. हथियारों को प्रतिबंधित करने के कानून पिछले सालों में कमजोर हुए हैं. 1990 में 78 प्रतिशत अमेरिकी इस के लिए कड़े कानून के पक्ष में थे लेकिन 2011 तक इनकी संख्या 43 फीसदी तक गिर गई. सेमी ऑटोमैटिक हथियारों के लिए प्रतिबंधों के समर्थकों की संख्या भी कम हो गई है.
न्यूटाउन के बाद
न्यूटाउन हादसे के बाद रुख कुछ बदलता दिख रहा है. फेसबुक और ट्विटर के जरिए लोग हथियार लॉबी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, लेकिन हथियारों का समर्थन कर रहे राजनीतिज्ञ एक बार फिर इस विवाद से बचने की कोशिश में है. वैसे तो बहुत कम ही लोग हैं जो इस हादसे के बाद यह मानने को तैयार होंगे कि हथियारों से सुरक्षा बढ़ती है, जैसे कि अगर प्रिंसिपल के कमरे में हथियार होते तो न्यूटाउन में गोलीबारी नहीं होती. हालांकि यह राष्ट्रपति ओबामा समेत यह हर कोई मान रहा है कि इस समस्या का हल मुश्किल है, खास तौर से अगर यह देखा जाए कि देश में कितने करोड़ हथियार वैसे ही लोगों के पास हैं.
इसका मतलब यह नहीं कि किसी भी तरह की शुरुआत का कोई मतलब नहीं होगा. सबसे पहले एक साथ कुछ नियमों को लागू करना होगा. इनमें शामिल है एसॉल्ट राइफल की बिक्री और खास तौर से वह राइफल जिनमें 30, 60 या 100 गोलियों की मैगजीन हो. खरीदने वालों का बैंकग्राउंड देखना भी जरूरी है. साथ ही, जैसा पिछले दिनों में कई राजनीतिज्ञों ने कहा है, उन लोगों पर खास ध्यान देना होगा जो मानसिक तौर पर अस्थिर हैं. अगर उनको मदद देने में देर हो जाती है तो इस तरह के हादसे होते हैं और बहुत देर में पता चलता है कि इन्हें कोई परेशानी थी.
तथ्य जुटाने होंगे
न्यूटाउन के स्कूल में गोलीबारी कई वजहों से हुई है. इस तरह के हादसों को पूरी तरह कभी भी रोका नहीं जा सकेगा, लेकिन अगर इन कोशिशों से एक जान भी बचाई जा सके, तो यह कोशिशें सफल होंगी. राष्ट्रपति ओबामा को देश में इस वक्त लोगों की मानसिक स्थिति का फायदा उठाना चाहिए और तथ्यों को जमा करना चाहिए और इस बात की फिक्र नहीं करनी चाहिए कि उन्हें अगली बार चुनाव में वोट मिलने में परेशानी होगी. 20 छोटे बच्चों और सात बड़ों की मौत ऑरोरा और उन सारे हादसों जैसा भुलाया नहीं जाना चाहिए, जहां लोगों ने त्रासदी के बारे में बहुत कुछ बोला, लेकिन करने में सब चूक गए.
विश्लेषणः क्रिस्टीना बेर्गमान/एमजी
संपादनः एन रंजन