अब जांच कराएंगे रिपब्लिकंस
८ नवम्बर २०१०ओबामा ने कहा. "लोग परेशान हैं. लोकतंत्र के बारे में यह बहुत अच्छी बात है कि जब जनता खुश नहीं होती तो उनका हक और उनका फर्ज बनता है कि वे अपनी नाखुशी जताएं... मुझे कुछ चीजें सही करनी होंगी..." मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज में ओबामा ने कहा कि वह अमेरिका को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे और शिक्षा, मूलभूत संरचना और साफ ऊर्जा में निवेश करेंगे.
आक्रमक रिपब्लिकंस
हालांकि रिपब्लिकंस आर्थिक मंदी को लेकर ओबामा की नाकामी का पूरा पूरा फायदा उठा रहे हैं. मंगलवार को प्रतिनिधि सभा में बहुमत हासिल करने के बाद वे ऐसी समितियों का गठन कर सकते हैं जो ओबामा प्रशासन के दौरान लिए गए फैसलों की जांच करें.
प्रतिनिधि डैरेल ईसा ने कहा, "मैं बहुत चीजों के पीछे लगने वाला हूं और मैं बहुत कुछ ढूंढने वाला हूं." ईसा ने कहा कि वह एक आरोप की जांच करेंगे जिसमें व्हाइट हाउस ने .डैमोक्रैट सांसद जो सेस्टैक से कहा था कि अगर वह सेनेट के लिए शुरुआती चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे तो प्रशासन में उन्हें पद दिया जाएगा. सेस्टैक ने सेनेट के शुरुआती दौड़ में चुनाव जीत लिया और व्हाइट हाउस के पसंदीदा उम्मीदवार आर्लन स्पेक्टर को मुंह की खानी पड़ी. हालांकि दूसरे चरण में सेस्टैक रिपब्लिकन पैट टूमी से हार गए.
व्हाइट हाउस के फैसलों की जांच
रिपब्लिकंस ओबामा के स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रम पर भी निशाना साध रहे हैं. इसके आलावा मेक्सिको खाड़ी में तेल का रिसाव और मतदाताओं को न्यू पैंथर पार्टी की धमकियों के भी जांच समितियों द्वारा परखने की बात की जा रही है. हालांकि स्वास्थ्य सुधार को वापस लेने में रिपब्लिकंस को परेशानी हो सकती है.
टी पार्टी के नए सेनेटर रैंड पॉल कहते हैं कि सुधार की नैतिकता को अदालतों में परखा जाएगा. फ्लोरिडा और वर्जिनिया में जज मामले की सुनवाई करने को तैयार हैं. रिपब्लिकन मिच मैकॉनेल ने कहा कि अमेरिकी जनता ओबामा और कांग्रेस की करतूतों से बिलकुल खुश नहीं है. उन्हें इतने पैसे खर्च करना भी अच्छा नहीं लग रहा था और न ही वे लगातार बढ़ते उधार से खुश हैं.
हालांकि रिपब्लिकंस भी अपनी नई जीत को डरते हुए स्वीकार कर रहे हैं. मिनेसोटा के गवर्नर टीम पॉलेंटी ने कहा है कि यह रिपब्लिकंस की जीत नहीं है, बल्कि लोग साफ साफ कह रहे हैं कि उन्हें ओबामा और कांग्रेस पसंद नहीं है. इसलिए वे रिपब्लिकंस को दोबारा लाने में खुश हैं. कहते हैं, "अब हमें शासन करना होगा और कुछ कर दिखाना होगा. नहीं तो दो सालों में हमें बाहर फेंक देंगे."
1994 और 2006 में बिल क्लिंटन और जॉर्ज बुश की पार्टियां मध्यावधि चुनावों में हार गईं थीं. इसके बाद दोनों नेताओं को जांच समितियों से जबरदस्त जवाबदेही करनी पड़ी थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः वी कुमार