अब हिंदी में गुदगुदाएगा टिनटिन
१२ अप्रैल २०१०अमेरिका और यूरोप में बेशुमार लोगों का दिल जीतने वाले बैल्जियम के इस कार्टून किरदार की कॉमिक्स अगले महीने से हिंदी में भी पढ़ने को मिलेंगी. टिनटिन के हिंदी वर्जन के प्रकाशन के अधिकार खरीदने वाली कंपनी ओम बुक्स इंटरनेशनल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय मागो कहते हैं, "हम मई के दूसरे हफ्ते में टिनटिन का हिंदी वर्जन ला रहे हैं."
इतना ही नहीं, टिनटिन के चाहने वाले उससे मिल भी सकेंगे. मागो बताते हैं, "बेल्जियम के एक व्यक्ति को खास तौर से बुलाया जा रहा है जो लॉन्च के समय टिनटिन की ड्रेस में उसकी मौजूदगी का अहसास कराएगा." वैसे टिनटिन के हिंदी वर्जन के लिए मागो को खूब पापड़ बेलने पड़े हैं.
वह बताते हैं, "पिछले पांच साल से मैं कास्टरमैन पब्लिशिंग कंपनी को मनाने में लगा था. इसी कंपनी के पास टिनटिन का ऑरिजनल कॉपीराइट है. लेकिन तीन साल पहले उन्होंने इसकी मंजूरी दे दी. तब से मैं अनुवाद जैसी चीजों पर काम कर रहा था. मैंने उन्हें तीन अलग अलग अनुवाद भेजे जिसमें से उन्होंने एक चुना."
मागो कहते हैं कि एक यूरोपीय कार्टून किरदार को हिंदी और हिंदी के परिवेश के मुताबिक ढालना आसान नहीं रहा. वह बताते हैं, "संस्कृतियों, समाज, भाषा और समझ में जो बड़ा अंतर है, उसे देखते हुए यह काम खासा मुश्किल था. चुटकुलों का व्यवहारिक रूप से अनुवाद नहीं हो सकता.
कुछ बातें और संदर्भ यूरोप में आम हो सकते हैं लेकिन संभव है कि हमारे यहां लोग उन्हें जानते ही न हो. इसलिए कहानी को बिल्कुल वैसा ही रखा गया है लेकिन जरूरत पड़ने पर उसमें हिंदी के चुटकुलों और कहावतों का इस्तेमाल किया गया है. या फिर इस तरह ढाला गया है कि वह हिंदी के पाठकों को समझ आए."
हिंदी पाठकों को ध्यान में रखते हुए कुछ नाम भी बदले गए हैं. मिसाल के तौर पर इंग्लिश वर्जन में टिनटिन के कुत्ते का नाम स्नोवी है जिसे हिंदी वर्जन में नटखट कहा जाएगा. इसी तरह टिनटिन के दो जासूसों थॉमसन और थॉपम्सन के नामों को संतु सिंह और बंतु सिंह कर दिया गया है. मागो कहते हैं कि टिनटिन के हिंदी वर्जन को अगर पाठकों ने पसंद किया तो इसे दूसरी भारतीय भाषाओं में भी लाया जाएगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस गौड़