अमर चित्र कथा के रचयिता का निधन
२५ फ़रवरी २०११कमजोर हो चुके अनंत पाई को एक हफ्ते पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया. सीढ़ियों से गिर जाने की वजह से उन्हें फ्रैक्चर हो गया था. गुरुवार को अंकल पाई को जबरदस्त दिल का दौरा पड़ा और उसके कुछ ही घंटे बाद उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली. अंकल पाई के परिवार में उनकी पत्नी ही हैं. अनंत पाई का जन्म कर्नाटक के कारकला शहर में हुआ. वह शुरू से ही लेखक बनना चाहते थे.
उन्होंने बच्चों की मैगजीन मानव को शुरू किया लेकिन यह प्रयास सफल साबित नहीं हुआ जिसके बाद उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया की बुक डिवीजन में नौकरी कर ली. इंद्रजाल कॉमिक्स की लॉन्चिंग में उनकी भूमिका अहम रही जिसमें फैंटम और मैन्ड्रैक सीरीज की कहानियां प्रकाशित हुई.
लेकिन उनकी असली सफलता अमर चित्र कथा को माना जाता है जिसके जरिए पाठकों को भारतीय इतिहास और पौराणिक चरित्रों को जानने समझने का अवसर मिला. पाई ने भारतीय कॉमिक्स में नई शुरुआत करते हुए 1967 में अमर चित्र कथा की नींव डाली और इस श्रृंखला ने आते ही धूम मचा दी.
अमर चित्र कथा के जरिए महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्यों को नए रूप में पाठकों के सामने पेश किया गया और कई पीढ़ियां इन कॉमिक्स को पढ़ कर बड़ी हुईं. पाई ने बच्चों और युवाओं को भारतीय संस्कृति और मूल्यों के बारे में रोचक ढंग से जानकारी दी. 1980 में अनंत पाई ने टिंकल कॉमिक सीरीज को भी शुरू किया और उसे भी भारतीय पाठकों ने हाथों हाथ लिया.
अंकल पाई को अपने जीवन में कई सम्मान भी मिले. कॉमिक बुक के प्रशंसकों ने उन्हें लाइफटाइम एचीवमेंट अवॉर्ड भी दिया. अंकल पाई को समारोह में 19 फरवरी को जाना था लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से नहीं जा सके. अब उनके प्रशंसकों के पास सिर्फ अंकल पाई की यादें हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ईशा भाटिया