अमेरिका कर्ज संकट में
२९ जुलाई २०११अमेरिकन कर्ज संकट की वजह से वैश्विक बाजार असंतुलित रहेगा ही, जिसका दबाव दुनिया के सभी बाजारों में दिखेगा. कच्चे तेल के बाजार में स्थिरता नहीं रहेगी, महंगाई इस साल रिकॉर्ड पार करेगी, एशियन मार्केट में जापान इस साल बड़े दबाव में हैं, खुद अमेरिका कर्ज संकट की वजह से उनकी मदद नहीं कर पायेगा.चीन अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक कड़ा प्रतिद्वन्द्वी साबित हो रहा है. यूरोपीय संघ में जर्मन और फ्रेंच अर्थव्यवस्था पर ज्यादा दबाव हैं. कर्ज संकट का सीधा असर एशियाई बाजार पर पड़ेगा, महंगाई अपने रिकॉर्ड पर रहेगी.
किरण धोने, फेसबुक पर
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मैं पिछले 10 साल से डीडब्ल्यू हिंदी से जुड़ा हुआ हूं. अब तो जर्मन सरकार ने हिंदी प्रसारण बंद कर दिया है, लेकिन मेरे कानों में आज भी आपकी मीठी आवाज गूंजती है. आप सभी की मधुर आवाज मुझे बहुत अच्छी लगती थी. मुझे कभी कभार आपके गिफ्ट मिलते रहते थे जिन्हें मैं आज भी बहुत पसंद करता हूं. मैं आपकी पहेली प्रतियोगिता में लगातार 10 साल से भाग ले रहा हूं, लेकिन अभी तक इनाम नहीं मिला है. कुल मिलाकर मैं यही कहूंगा कि डीडब्ल्यू के साथ मैंने जो 10 साल बिताये हैं, उनकी मधुर यादें मैं जिंदगी भर याद रखूंगा, लेकिन अब हमें वक्त से समझौता करना पड़ रहा है और हम रेडियो के बजाए वेब पर मिलते रहते हैं.
युवराज जांगिड, फेसबुक पर
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हम आपकी बेवसाइट के पाठक हैं. हर दिन मैं अपकी बेवसाइट का हर पेज देखता हूं.आपकी बेवसाइट बहुत ही आकर्षक है. आप कई दिनों से बेवसाइट का हर पेज अपडेट नहीं कर रहे हैं. कृपया हर दिन पेज अपडेट कीजिए.
कृष्णदास अधिकारी, मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल
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लोकपाल बिल को लेकर यह माहौल गलत है कि इसके अन्ना वर्जन से देश से भ्रष्टाचार जड़ से मिट जाएगा. सच तो यह है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध पहले से ही कई कानून हैं. भ्रष्टाचार लोगों की नियत साफ होने पर ही मिट सकता है. लोकपाल बिल के सर्वमान्य मसौदे से यदि भ्रष्टाचार रोकने में कुछ मदद मिल सकती है तो उस दिशा में प्रयास जरूर होने चाहिए.
विवेक रंजन श्रीवास्तव, फेसबुक पर
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मुझे आपकी वेबसाइट पर खोज, रंग तरंग और खेल खिलाडी में दी रिपोर्टे बड़ी अच्छी लगती हैं. आपने रेडियो बंद कर दिया है. मैं बहुत व्यथित हूं, पर अब आप अपनी वेबसाइट बंद नहीं करना. आशा करता हूं आपकी हिंदी वेबसाइट युग युग तक इसी तरह चलती रहेगी और पहेली प्रतियोगिता के साथ साथ इंटरनेट क्विज भी जारी रहेगी.
पृथा अधिकारी, मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल
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संकलनः विनोद चढ्डा
संपादनः ईशा भाटिया