अमेरिका के पूर्वी तट पर सैंडी का कहर
३० अक्टूबर २०१२सैंडी तूफान के साथ आई आंधी का विस्तार सैकड़ों मील तक है. दर्जनों बड़े शहर पूरी तरह से थम गए हैं. यह अपने साथ लाए बाढ़ और तूफानी हवाओं के झंझावात में पूर्वी तट और पहाड़ी इलाकों के अंदरूनी हिस्सों को लपेट चुका है. न्यूयॉर्क के लोअर मैनहटन की आसमान छूती इमारतों के निचले हिस्से पानी में डूबे पड़े हैं, सबवे और सड़कों पर बनी सुरंगों में पानी भर गया है, बिजली गुल है और कम से कम 60 लाख परिवार अंधेरे में हैं.
दक्षिण की तरफ थोड़ा और जाएं तो तटवर्ती शहरों का और भी बुरा हाल है. तेज हवाओं ने हवाई जहाजों को जमीन पर खड़ा कर दिया है, रेल लिंक और सार्वजनिक परिवहन के साथ ही सरकारी दफ्तर भी पूरी तरह से बंद हैं. कैरिबियाई इलाके से उठे तूफान सैंडी ने अमेरिका पहुंचने से पहले ही कम से कम 67 लोगों की जीवनलीला खत्म कर दी. मौत का यह आंकड़ा और बढ़ने का अंदेशा है. स्थानीय समय के हिसाब से रात आठ बजे इसने न्यू जर्सी में कदम रखा और अमेरिका में तबाही मचानी शुरू की. न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, पेनसिल्वेनिया, मैरीलैंड, वेस्ट वर्जीनिया, और नॉर्थ कैरोलाइना के स्थानीय अधिकारियों ने कुल 13 लोगों के मरने की पुष्टि की है. अधिकारियों ने जीवन और संपत्ति के भारी नुकसान की आशंका जताई है और न्यू इंग्लैंड से लेकर नॉर्थ कैरोलाइना तक के लाखों लोगों को उनके घरों से निकाल कर सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया है.
नेशनल हरीकेन सेंटर का कहना है कि तूफान के हवाओं की रफ्तार कुछ कम हुई है, हालांकि इसके बाद भी यह 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है. इन हवाओं के कारण पेड़ गिर रहे हैं और उनकी वजह से बिजली के तार जहां तहां टूटे पड़े हैं. विमान और रेल यातायात बंद होने के कारण हजारों लोग जहां तहां फंसे पड़े हैं. पानी का स्तर बढ़ने के बाद न्यूजर्सी के परमाणु बिजली घर में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है.
लोअर मैनहटन के परिवहन निदेशक जोसेफ ल्होटा का कहना है, "न्यूयॉर्क सिटी सबवे सिस्टम 108 साल पुराना है, लेकिन जैसी तबाही इसने पिछली रात झेली वैसा अनुभव इसे पहले कभी नहीं हुआ था." बाढ़ का पानी मंगलवार सुबह से उतरना शुरू हो गया लेकिन बिजली कंपनी कोन एडिसन का कहना है कि बिजली सेवा को पूरी तरह से बहाल होने में कम से कम एक हफ्ता लगेगा. आपदा का आकलन करने वाली संस्था एक्वेकैट फोरकास्ट का कहना है कि सैंडी की वजह से करीब 6 करोड़ अमेरिकी प्रभावित होंगे जो कि यहां कि आबादी का करीब पांचवां हिस्सा है और इसकी वजह से करीब 20 अरब डॉलर का नुकसान होगा. तूफान की वजह से रिफाइनरियों को बंद करना पड़ा है. न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और शिकागो का फ्यूचर मार्केट सोमवार औऱ मंगलवार को बंद रहे.
इस तूफान की आहट ने अमेरिकी चुनाव को भी पांव मोड़ने पर विवश कर दिया है. चुनाव से ठीक एक हफ्ते पहले ही चुनाव अभियान रोकना पड़ा है. राष्ट्रपति ओबामा ने लोगों से अपील की है कि वह घर छोड़ने के बारे में दिए जा रहे स्थानीय निर्देशों का पूरी तरह पालन करें. ओबामा चुनाव अभियान छोड़ कर व्हाइट हाउस में ही रहे और इस आपदा से लड़ने और उसके बाद की कार्रवाई में जुटे रहे. ओबामा ने कहा है, "चुनाव अगले हफ्ते अपने आप हो जाएगा. इस वक्त हमारी पहली प्राथमिकता लोगों की जिंदगी बचाना और जितनी जल्दी हो सके हरकत में आना है ताकि अर्थव्यवस्था जल्द से जल्द अपनी रफ्तार हासिल कर सके."
ओबामा के प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी ने भी चुनाव अभियान को फिलहाल स्थगित कर दिया है. ओबामा ने संघीय आपदा कोष से आपात स्थिति में पैसा निकालने के लिए मंजूरी दे दी है. इस कोष से न्यूयॉर्क, मेसाचुसेट्स, कनेक्टिकट, मैरीलैंड, कोलंबिया, न्यू जर्सी, पेनसिल्वेनिया, रोड आईलैंड, वर्जीनिया और वेस्ट वर्जीनिया के लिए पैसा तुरंत मिल जाएगा.
एनआर/एमजे (रॉयटर्स)