अमेरिका, जर्मनी, सुरक्षा परिषद ने मुंबई हमले की निंदा की
१४ जुलाई २०११अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बयान जारी कर कहा, "मैं सख्त रूप से मुंबई में हुए घृणित हमलों की निंदा करता हूं. मेरी सहानुभूति और प्रार्थना घायलों और उन लोगों के साथ है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है."
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने धमाकों की आलोचना करते हुए कहा कि अब तो उनका भारत दौरा ज्यादा अहम हो गया है. क्लिंटन ने कहा, "कार्यक्रम के मुताबिक अगले हफ्ते मैं भारत जा रही हूं. मुझे लगता है कि ऐसे वक्त में अहम है कि हम भारत के साथ खड़े रहें और अपनी साझीदारी को गहरा करें. आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के प्रति हमारी वचनबद्धता पर फिर पुष्टि करनी है."
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वर्तमान अध्यक्ष जर्मनी के पेटर विटिग ने बयान जारी कर कहा, "हर किस्म का आतंकवाद अब भी वैश्विक शांति और सुरक्षा की राहत में सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है."
जर्मन चासलंर अंगेला मैर्केल को अफ्रीका के दौरे के बीच में मुंबई हमलों के बारे में पता चला. समाचार मिलते ही वह खिन्न हो उठीं. मैर्केल ने कहा, "इस आतंकवादी हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं." मैर्केल ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जर्मनी हमेशा भारत के साथ हैं.
उनके मीडिया ऑफिस ने बयान जारी कर कहा, "कुछ लोग या संगठन ऐसा चाह रहे हैं कि आतंकवाद या हिंसा के जरिए भारत में लोकतंत्र और लोगों के बीच आपसी शांति को भंग किया जा सकता है."
मुंबई में बुधवार शाम हुए तीन धमाकों की निंदा फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने इन शब्दों में की, "मुंबई पर फिर सिलसिलेवार हमले हुए हैं. फ्रांस इस कायराना और अंधी हिंसा की निंदा करता है. दुख की इस घड़ी में फ्रांस भारतीय प्रशासन के साथ है." फ्रांसीसी विदेश मंत्री एलन जुप्पे ने धमाकों को 'बर्बर और घृणित' करार दिया.
घायलों और मृतकों के परिवारजनों को सात्वंना देते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने बम धमाकों की निंदा की. हार्पर ने कहा, "आतंक के खिलाफ लड़ाई में कनाडा भारत सरकार और भारत के लोगों के साथ है. इस कायराना हरकत के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हम भारत को सहयोग देने का प्रस्ताव देते हैं."
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी धमाकों की निंदा की. झवेरी बाजार, दादर और ओपेरा हाउस में 15 मिनट के भीतर हुए तीन धमाकों में कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा जख्मी है. धमाके भारतीय समय के मुताबिक शाम 6.50 से 7.04 के बीच हुए. धमाकों की जिम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने नहीं ली है. 2008 के बाद मुंबई पर यह पहला बड़ा हमला है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया