अमेरिका ने पाक से कहा, लश्कर पर कार्रवाई करो
१६ अप्रैल २०११विदेश मंत्रालय में आतंकवाद निरोधी विभाग के संयोजक डेनियल बेंजामिन ने संसदीय समिति के सामने दिए बयान में कहा, "पाकिस्तान ने आंतकवाद से लड़ाई के मोर्चे पर तरक्की की है. खासतौर पर तहरीके तालिबान के खिलाफ. लेकिन इस तरक्की को लंबे समय तक कायम रखने के लिए और कोशिशों की जरूरत है."
बेंजामिन ने कहा कि पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से का कबायली इलाका अल कायदा के लिए सबसे सुरक्षित जगह बनता जा रहा है और इसे रोकने के लिए इस्लामाबाद को लगातार प्रयास करने होंगे.
लश्कर का जिक्र
मुंबई के आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार लश्कर ए तैयबा का बेंजामिन ने खासतौर पर जिक्र किया. उन्होंने कहा, "हम पाकिस्तान पर इस बात के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं कि लश्कर ए तैयबा और अन्य आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई बढ़ाई जाए."
अल कायदा के बारे में उन्होंने कहा कि इस आतंकी संगठन का नेटवर्क कमजोर तो हुआ है लेकिन अब भी इसमें स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमले करने की ताकत है. खासकर इसके सहयोगी संगठन मजबूत हुए हैं.
ईयू में भी लताड़
यूरोपीय संसद ने तालिबान के खिलाफ धीमी कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को लताड़ लगाई है. संसद ने यूरोपीय आयोग को निर्देश दिया है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद आतंकवाद से लड़ाई में उसकी गंभीरता के आधार पर ही तय की जाए.
यूरोपीय संसद ने शुक्रवार को दो घोषणाएं जारी कीं. इनमें से एक में पाकिस्तान को तालिबान के खतरे के लिए फटकार लगाई गई. दूसरे में यूरोपीय संघ की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही गई.
मदद पर दोबारा विचार
पाकिस्तानी आतंकवादियों को यूरोप और बाकी दुनिया के लिए गंभीर खतरा बताते हुए संघ ने यूरोपीय आयोग से कहा, "पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय मदद के आकार पर दोबारा विचार किया जाए. इसका आकार आतंकी संगठनों के सफाये की पाक सरकार की कोशिशों में गंभीरता के आधार पर तय होना चाहिए."
यूरोपीय संघ ने पाकिस्तानी सेना, खुफिया एजेंसी और अन्य रक्षा संगठनों में तालिबान से सहानुभूति रखने वाले तत्वों की मौजूदगी पर भी चिंता जताई.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया