अमेरिका ही रहेगा नंबर वन: ओबामा
२५ जनवरी २०१२चुनाव से 10 महीने पहले अमेरिकी कांग्रेस में अपने भाषण का इस्तेमाल ओबामा ने अपने नेतृत्व पर जोर देने और मतदाताओं का समर्थन जीतने के लिए किया. उन्होंने कहा कि जो यह दावा करता है कि अमेरिका का प्रभाव समाप्त हो गया है वह गलत है. ओबामा ने कहा, "अमेरिका विश्व मामलों में अपरिहार्य राष्ट्र बना हुआ है, और जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, मेरा ऐसा ही रखने का इरादा है." अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यूरोप और एशिया के साथ अमेरिका के संबंध पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हैं. "परमाणु मैटेरियल की सुरक्षा के लिए बने गठबंधन से लेकर भुखमरी और बीमारी के खिलाफ हमारे नेतृत्व में चलने वाले मिशन, दुश्मनों को पहुंचाई गई चोट और हमारी नैतिक मिसाल की स्थायी ताकत तक, अमेरिका वापस आ गया है."
घरेलू अर्थव्यवस्था पर जोर
अपने मतदाताओं को खुश करने की कोशिश करते हुए ओबामा ने कहा कि देश में सभी लोगों के लिए एक जैसा कानून होना चाहिए, "ऊपर से नीचे तक." उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने में धनी लोगों से और योगदान की मांग करते हुए कहा कि लखपतियों को 30 प्रतिशत टैक्स देना चाहिए. साथ ही वे टैक्स में छूटों को भी कम करना चाहते हैं. साथ ही राष्ट्रपति ने ढाई लाख डॉलर से कम वार्षिक आमदनी वाले परिवारों के लिए टैक्स न बढ़ाने का आश्वासन दिया.
ओबामा ने कहा, "हम या तो एक देश से संतुष्ट हो सकते हैं जहां कम होती तादाद में लोगों की हालत अच्छी है जबकि बढ़ती तादाद में लोगों का गुजारा नहीं हो रहा है, या हम फिर से ऐसी अर्थव्यवस्था बना सकते हैं जहां हर किसी को उचित मौका मिले." राष्ट्रपति के भाषण को देश भर में लाखों लोगों ने टेलीविजन पर देखा. 'बढ़ती सामाजिक विषमता के खिलाफ संघर्ष' ओबामा के चुनाव अभियान का मुख्य मुद्दा बनता जा रहा है. उन्हें उम्मीद है कि इस मुद्दे पर वे मध्यवर्ग का समर्थन जीत पाएंगे. अमेरिकी कांग्रेस के एक अध्ययन के अनुसार 1979 के बाद से सबसे धनी लोगों की आय तिगुनी हो गई है जबकि आम लोगों की आय में बहुत कम वृद्धि हुई है.
ओबामा जो भी आश्वासन दें, कांग्रेस में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के विरोध को देखते हुए ओबामा टैक्स के मामले में अपने वायदों को शायद ही पूरा कर पाएंगे. इसलिए राष्ट्रपति ने अपने विरोधियों की ओर सहयोग का हाथ बढ़ाया लेकिन साथ ही कहा कि वे बाधा डालने की रणनीति का मुकाबला कार्रवाइयों से करेंगे. अपनी डेमोक्रैटिक पार्टी के सांसदों की तालियों के बीच उन्होंने कहा, "मैं फिर उन्हीं नीतियों पर वापस लौटने के हर उस प्रयास का विरोध करूंगा, जिसकी वजह से आर्थिक संकट पैदा हुआ है."
खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और भारी बेरोजगारी के कारण नवम्बर में होने वाले चुनावों में ओबामा का फिर से चुना जाना संकट में है. राष्ट्रपति ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए भारी कर्ज के बावजूद अरबों के बचाव कार्यक्रम चलाने की अपनी नीति का बचाव किया. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से पिछले दो सालों में तीस लाख से ज्यादा रोजगार पैदा हुए हैं और अमेरिकी ऑटो उद्योग को बचाया जा सका है.
अंतरराष्ट्रीय राजनीति का रास्ता
ईरान के साथ परमाणु विवाद पर राष्ट्रपति ओबामा ने इस पर जोर दिया कि अमेरिका ईरान को परमाणु सत्ता बनने से रोकना चाहता है. "मैं इस लक्ष्य को पाने के लिए किसी विक्लप को छोड़ूंगा नहीं." उन्होंने कहा कि "यदि ईरान अपनी नीति बदले और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करे" तो अभी भी शांतिपूर्ण समाधान संभव है. एक निगरानी यूनिट बनाकर राष्ट्रपति इस बात को सुनिश्चित करना चाहते हैं कि चीन भविष्य में व्यापार में नियमों का पालन करे. व्यापार पुलिस भविष्य में अवैध निर्यात सब्सिडी की जांच करेगी और जाली सामान बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. ओबामा ने कहा, "यदि हमारे प्रतिद्वंद्वी नियमों का पालन नहीं करते हैं तो मैं हाथ पर हाथ धरे बैठा नहीं रहूंगा."
आउटसोर्सिंग पर वार
आउटसोर्सिंग के खिलाफ अभियान में तेजी लाते हुए ओबामा ने देश में रोजगार बनाने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन देने की घोषणा की. हालांकि का अभियान मुख्य रूप से चीन में मैनुफैक्चरिंग नौकरियों पर लक्षित है लेकिन इसका असर भारत की आउटसोर्सिंग कंपनियों पर भी पड़ सकता है, जिंहें दुनिया का बैंक ऑफिस कहा जाता है. ओबामा ने कहा, किसी अमेरिकी कंपनी को नौकरी और मुनाफा विदेश ले जाकर टैक्स बचाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. नए टैक्सों का प्रस्ताव देते हुए ओबामा ने कहा कि इस पैसे का इस्तेमाल उन कंपनियों की मदद के लिए किया जाएगा जो रोजगार देश में वापस लाने का फैसला करते हैं. ओबामा ने कहा, "बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बेसिक न्यूनतम टैक्स देना होगा जिसका इस्तेमाल उन कंपनियों का टैक्स कम करने के लिए होगा जो देश में रहते हैं और यहां रोजगार देते हैं."
अपनी उपलब्धियों की चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ओबामा ने अपने भाषण में कहा कि इराक से सैनिकों को वापस बुलाने का अपनी चुनावी वादा उन्होंने पूरा किया है. इसके अलावा उन्होंने मई 2011 में अमेरिकी कमांडो द्वारा अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मारे जाने को आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष की बड़ी सफलता बताया.
रिपोर्ट: डीपीए, एएफपी/महेश झा
संपादन: ओ सिंह