अमेरिकी शटल कार्यक्रम, अंत नहीं शुरुआत
२१ मई २०११नासा का शटल यान एंडेवर इस समय अंतरिक्ष में है - अमेरिकी शटल कार्यक्रम का अंतिम से पहला यान, जिसने दो अरब डॉलर की लागत के वैज्ञानिक उपकरण अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचाए हैं. कार्यक्रम का अंतिम यान अटलांटिस अंतरिक्ष स्टेशन के लिए कल-पुर्ज़े लेकर जुलाई के शुरू में रवाना होगा.
अहम अध्याय खत्म
शटल कार्यक्रम के समाप्त होने के साथ-साथ अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण अध्याय समाप्त हो रहा है. इसकी शुरुआत 1981 में हुई थी. इस दौरान अनेक सफल मिशनों में कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक परीक्षणों के अलावा शटल ने अंतरिक्ष स्टेशन के लिए सामग्री और उपकरण पहुंचाने के अहम काम को अंजाम दिया.
कार्यक्रम के 30 साल पूरे होने के मौके पर एक आयोजन में कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक रॉबर्ट कबाना ने शटल की उपलब्धियों का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा, "अंतरिक्ष शटल कार्यक्रम ने अनगिनत वैज्ञानिक सफलताएं संभव बनाई हैं. उसने अपूर्व अंतरराष्ट्रीय सहकार को जन्म दिया है, और उसने मानव के, खोज की असीम संभावनाओं से भरे भविष्य को दृढ़ता प्रदान की है. इस कार्यक्रम का और इस टीम का एक बहुत छोटा सा हिस्सा होना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही है."
कुछ दुखद यादें
लेकिन सफलताओं के साथ-साथ कुछ अत्यंत दुखद यादें भी शटल कार्यक्रम से जुड़ी हैं. पहले चैलेंजर और फिर कोलंबिया यानों की त्रासद दुर्घटनाओं ने नासा को सोचने पर मजबूर कर दिया. 2003 की कोलंबिया की दुर्घटना की जांच करने वाले आयोग ने निष्कर्ष दिया कि शटल यानों की उम्र ढल रही है और यह कार्यक्रम अधिक खर्चीला है. आयोग का कहना था कि अंतरिक्ष यात्राओं के लिए शटल कार्यक्रम का स्थान जल्द से जल्द किसी नए कार्यक्रम को देना देश के हित में होगा.
शटल उड़ानें समाप्त करने का फैसला 2004 में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने लिया. वह चाहते थे कि अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर और फिर मंगल ग्रह पर भेजा जाए. मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चंद्रमा यात्रा की योजना रद्द कर दी है. उनकी योजना के तहत नासा अंतरिक्ष यात्रियों को एक ऐस्टरॉयड यानी ग्रहिका पर पहुंचाने के लिए एक विशाल रॉकेट तैयार करेगी. उसके बाद अमेरिका का पड़ाव होगा मंगल ग्रह.
नया काम शुरू
अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन ले जाने का काम फिलहाल रूसी कैप्सूल सोयूज़ के जरिये होगा. पांच करोड़ साठ लाख डॉलर प्रति सीट के हिसाब से उन्हें पहुंचाने की लागत शटल उड़ान की तुलना में सस्ती होगी. जहां तक अमेरिकी शटल के विकल्प की बात है, तो अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी कुछ समय बाद ऐसे व्यावसायिक रॉकेटों और कैप्सूलों का इस्तेमाल करेगी, जिनका विकास निजी कंपनियों द्वारा किया जा रहा है.
ऐसी दो कंपनियों का दावा है कि वे तीन साल के अंदर अमेरिकी अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन पर ले जाने में सफल हो जाएंगी. इनमें से एक कंपनी स्पेस-ऐक्स का कहना है कि जहां तक सामान और उपकरण पहुंचाने की बात है, तो उसके यान यह काम इस साल के अंत में या अगले साल के आरंभ तक शुरू कर सकेंगे.
कहां रहेंगे शटल यान
पर शटल यानों का क्या होगा? दरअसल उन्हें अलग-अलग संग्रहालयों में रखा जाएगा. एंडेवर को लॉस ऐंजलिस के कैलिफ़ोर्निया साइंस सेंटर में भेजा जाएगा और अटलांटिस कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र में बना रहेगा, उसके अतिथि केंद्र में. तीसरे और अंतिम शटल डिस्कवरी का घर होगा वॉशिंगटन के डलेस इंटरनेशनल हवाई अड्डे के नजदीक स्मिथसोनियन इंस्टिट्यूशन का हैंगर.
नासा के प्रशासक चार्ल्स बोल्डन के शब्दों में, "हमारे पूरे देश और विश्व भर के लोग इन विस्मयकारी वाहनों, उनके कर्मीदलों और मिशनों से सबक लेना जारी रखेंगे. शटल उन अनेक लोगों को, जो इस समय स्कूल में हैं, खोज के काम को आगे बढ़ाने वाली नई पीढ़ी के नेता बनने की प्रेरणा देते रहेंगे. और दसियों लाख ऐसे अन्य लोगों को अंतरिक्ष शटल देखने का अवसर मिलेगा, जो हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर गर्वित और भावप्रवण महसूस करते हैं."
भविष्य पर नजर
जाहिर है कि अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े लोग उसके उजले भविष्य की आशा और कामना करते हैं, लेकिन जो लोग स्वयं शटल की सफलताओं में भागीदार रहे हैं, उनका उन बीते दिनों को चाव से याद करना स्वाभाविक है.
अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूदा अभियान की उड़ान इंजीनियर कैडी कोलमैन ने अपने संदेश में कहा, "हमें अंतरिक्ष शटल की क्षमताओं और उसके सौंदर्य की याद आएगी. वह 30 साल से नवीकरण और खोज का राष्ट्रीय प्रतीक रहा है. लेकिन उसकी विरासत और उससे जुड़े लोगों के जीवन उस काम में जीवित हैं, जो हम यहां अंतरिक्ष स्टेशन पर अंजाम दे रहे हैं. शटल बेड़े के अवकाश ग्रहण को एक समाप्ति के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. वह मानव की अंतरिक्ष में पहुंच और आगे बढ़ाने में अगले कदम का प्रतीक है."
इस बीच, अंतरिक्ष स्टेशन की उम्र कम से कम 2020 तक के लिए बढ़ा दी गई है. शायद वह उससे भी आगे काम करता रहे. उस पर खगोलविज्ञान से लेकर जैवविज्ञान तक के परीक्षण जारी रहेंगे और वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में अधिक लंबे मिशनों की ज़रूरतें समझने में सहायता मिलेगी, जैसे कि मंगल ग्रह की, जो अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम का अगला बड़ा सपना है.
रिपोर्टः गुलशन मधुर, वॉशिंगटन
संपादनः वी कुमार