अरब क्रांति के लिए जी8 के 20 अरब डॉलर
२७ मई २०११जी 8 के नेताओं ने अरब देशों में लोकतंत्र के लिए आए इस उभार की तुलना बर्लिन दीवार के गिरने से की, जिसके बाद यूरोप का नक्शा बदल गया था. उन्होंने उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व के देशों में निरंकुश शासन के खात्मे व लोकतांत्रिक सुधारों के साथ विकास के लिए मदद को जोड़ते हुए एक नई साझीदारी का ऐलान किया.
बर्लिन दीवार से तुलना
जी8 बैठक के बाद एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी की जाने वाली है. प्रेस को प्राप्त सूचनाओं के अनुसार इस विज्ञप्ति में कहा गया है, "मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में हो रहे परिवर्तन ऐतिहासिक हैं. उनमें ऐसे परिवर्तन के दरवाजे खोलने की संभावना है, जैसे कि बर्लिन दीवार के गिरने के बाद मध्य और पूर्वी यूरोप में देखे गए थे." विज्ञप्ति में अरब वसंत की भावनाओं के साथ साथ ईरान की जनता के अरमानों के प्रति पूरे समर्थन की घोषणा की गई है.
20 अरब डॉलर की मदद देने के लिए विशेष विकास बैंकों की स्थापना की जाने वाली है. इसमें यूरोपीय निवेश बैंक के साढ़े तीन अरब यूरो भी शामिल होंगे. ट्यूनिशिया के वित्त मंत्री जलुल आयेद का कहना था कि वह जी8 के देशों और वित्तीय संस्थानों की ओर से लिए गए साफ व मजबूत रुख से बेहद खुश हैं.
लीबिया और यमन भी एजेंडे पर
लीबिया के सिलसिले में जी8 के नेताओं का कहना है कि जनता की रक्षा की जिम्मेदारी निभाने में नाकाम गद्दाफी व लीबिया की सरकार अपनी वैधानिकता खो चुकी है. विज्ञप्ति के अनुसार, "एक मुक्त व लोकतांत्रिक लीबिया में गद्दाफी के लिए कोई जगह नहीं है. उन्हें जाना है."
ऐसा माना जा रहा है कि रूस गद्दाफी के हटने के सवाल पर मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा. अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि गद्दाफी शिविर में किसके साथ बात की जाएगी. लेकिन अफ्रीका के लिए रूस के विशेष दूत मिखाईल मार्गेलोव ने कहा कि गद्दाफी शिविर में भी उनके लोग हैं. जी8 के नेताओं ने सीरिया व यमन में प्रदर्शनकारियों पर हिंसा की कड़ी निंदा की.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: वी कुमार