"अरब पुरूषों से शादी न करें यहूदी महिलाएं"
३० दिसम्बर २०१०इस्राएली मीडिया में इन दिनों एक पत्र की खूब चर्चा है जिसमें यहूदी महिलाओं से कहा गया है कि अगर वे अरब पुरुषों के साथ काम करेंगी तो उनके जाल में फंस सकती हैं. इस पत्र का कहना है, "आने वाली पीढ़ियों की खातिर और भयानक शोषण से बचने के लिए हम आपसे यह अपील कर रहे हैं. गैर यहूदी लोगों के साथ मेलजोल मत बढ़ाइए. ऐसी जगहों पर काम मत करिए जहां अकसर गैर यहूदी लोग आते हों." पत्र में अरब पुरुषों पर आरोप लगाया गया है कि वे यहूदी नामों का सहारा ले कर यहूदी महिलाओं को धोखा देते हैं. इसलिए अगर यहूदी महिलाएं अरब लोगों से शादी करेंगी तो उन्हें पिटाई और शोषण बर्दाश्त करना होगा.
इस पत्र में कहा गया है, "कुछ ऐसे अरब कर्मचारी हैं जो हिब्रू नामों का इस्तेमाल करते हैं. यूसुफ योस्सी हो जाता है, समीर सामी हो जाता है और आबिद अमी बन जाता है." इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों वरिष्ठ रब्बियों की पत्नियां और बेटियां भी शामिल हैं. इनमें खासकर इस्राएल के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल धुर दक्षिणपंथी पार्टी शास के आध्यात्मिक प्रमुख रब्बी ओदाविया योसेफ की बेटी का नाम लिया जा सकता है.
लेवा नाम का एक संगठन इस पत्र को लोगों में बांट रहा है, जो अरबों के खिलाफ नस्ली भेदभाव को बढ़ाने के लिए काम करता है. वहीं मानवाधिकार समूहों का कहना है कि इस तरह के कदमों से इस्राएली समाज में अरब विरोधी भावनाएं और भड़क सकती हैं. हाल के दिनों में 300 रब्बियों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर किए जिसमें यहूदियों कहा गया कि वे गैर यहूदी लोगों को अपने घर किराए पर न दें. इस पत्र की बड़े पैमाने पर निंदा हुई. प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू ने भी इसकी आलोचना की. लेकिन मंगलवार को प्रकाशित एक सर्वेक्षण के मुताबिक इस्राएली जनता इस मुद्दे पर बंटी हुई है. इसमें 44 प्रतिशत लोगों ने रब्बियों की बात समर्थन किया तो 48 प्रतिशत लोगों ने इसके विरोध में अपनी राय जाहिर की.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ए जमाल