असम में बाघों की गिनती करने वाले अगवा
८ फ़रवरी २०११पशुप्रेमी भूटान सीमा से सटे असम के मानस नेशनल पार्क में बाघों और हाथियों की गिनती कर रहे थे. पार्क बाघों और हाथियों के लिए सुरक्षित अभ्यारण है. अगवा किए गए लोगों में तीन महिलाएं और तीन पुरुष हैं. सभी भारतीय हैं और स्वंयसेवी को तौर पर WWF के लिए काम करते हैं.
असम की राजधानी गुवाहाटी से मानस नेशनल पार्क करीब 200 किलोमीटर दूर है. रविवार शाम को हुई अपहरण की वारदात के बाद लापता लोगों की खोज जारी है. स्थानीय बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल के उपाध्यक्ष काम्पा बोर्गोयारी के मुताबिक, ''उन्हें बचाने के लिए जोरदार बचाव अभियान छेड़ा गया है. उग्रवादियों ने दल से डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के लोगों को अलग किया.''
वर्ल्ड वाइल्ड फंड यानी WWF के अधिकारी भी अपने लोगों को बचाने की कोशिशों में जुट गए हैं. WWF इंडिया के पूर्वी हिमालय कार्यक्रम के प्रमुख दीपांकर घोष ने कहा, ''हम घटना को लेकर चिंतित है और लापता हुए लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए संबंधित पार्टियों के संपर्क में हैं.''
मानस नेशनल पार्क के इलाके को वन्यजीव संरक्षण से जुड़े लोगों के लिए खतरनाक ही माना जाता है. वहां पहले भी वन्यजीव संरक्षण से जुड़े कई अधिकारियों की हत्या हो चुकी है. अधिकारियों के मुताबिक इलाके में कम से कम तीन उग्रवादियों के गिरोह सक्रिय हैं. इनमें सबसे ज्यादा चर्चित नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड है. बोडो आदिवासी समुदाय के उग्रपंथी लोगों का यह संगठन भारत से अलग होने की मांग करता है. संगठन सरकार से साथ शांति वार्ता में भी शामिल नहीं है.
एनडीएफबी 2008 में भी खबरों में आ चुका है. तब इसने असम में कई धमाके किए थे, जिनमें करीब 100 लोगों की मौत हुई. एनडीएफबी का आरोप है कि भारत सरकार इलाके की प्राकृतिक संपदा को लूट रही है और इसके बदले स्थानीय लोगों के लिए बहुत मामूली काम कर रही है.
रिपोर्ट: एएफपी/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन