आईएमएफ प्रमुख स्ट्रॉस कान ने इस्तीफा दिया
१९ मई २०११न्यूयॉर्क में जेल में बंद स्ट्रॉस कान ने बुधवार रात को इस्तीफा दिया. इस बारे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जानकारी दी. संस्था की तरफ से कान का लिखा एक बयान जारी किया गया है. इसमें उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि वह बेहद अफसोस के साथ इस्तीफा दे रहे हैं और फिलहाल अपने परिवार के बारे में सोच रहे हैं.
गुरुवार को उनकी जमानत की अर्जी पर सुनवाई होनी है. बलात्कार की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार आईएमएफ प्रमुख डोमिनिक स्ट्रॉस कान ने जमानत के बदले 10 लाख डॉलर देने की अपील की है. उनके वकील ने कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों में यह रकम लिखी है.
कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक वकील ने अर्जी दी है कि कान को घर में नजरबंद किया जा सकता है और उन पर इलेक्ट्रॉनिक पहरेदारी बिठाई जा सकती है लेकिन उन्हें जमानत दे दी जाए. इसके लिए वह 10 लाख अमेरिकी डॉलर यानी लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये देने को तैयार हैं.
सुनवाई गुरुवार को
गुरुवार को कान की जमानत अर्जी पर न्यूयॉर्क की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. अभी यह साफ नहीं है कि कान इस सुनवाई के दौरान मौजूद होंगे या नहीं. वह फिलहाल न्यूयॉर्क की रिकर्स आईलैंड जेल में बंद हैं. शुक्रवार को उनकी अदालत में पेश होने की संभावना है.
जेल में स्ट्रॉस कान पर कड़ी निगाह रखी जा रही है क्योंकि न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार के मुताबिक अधिकारियों को उनके खुदकुशी करने का डर है. खबर है कि उन्हें दूसरे कैदियों से अलग रखने के लिए पूरी एक विंग दे दी गई है.
स्ट्रॉस कान के वकीलों ने जो दस्तावेज अदालत में दाखिल किए हैं, उनमें कहा गया है, "हम सम्मानपूर्वक कहना चाहते हैं कि जमानत की ये शर्तें इस डर को खारिज करती हैं कि कान अदालत के अधिकार क्षेत्र को छोड़कर कहीं जा सकते हैं." वकीलों ने कान पर लगे हर आरोप को खारिज कर दिया है.
25 साल कैद का डर
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रबंध निदेशक स्ट्रॉस कान को दोष साबित होने पर 25 साल तक की कैद हो सकती है. उन पर एक होटल में काम करने वाली महिला से बलात्कार की कोशिश करने का आरोप है. मैनहट्टन के अभियोक्ताओं ने उन्हें जमानत न देने की अपील इस आधार पर की है कि कान फ्रांस भाग सकते हैं.
वैसे अदालत में दाखिल दस्तावेजों में काह्न का दस्तखत किया एक हलफनामा भी है. इस हलफनामे में उन्होंने वादा किया है कि अगर वह अदालत के सामने पेश नहीं हुए तो प्रत्यर्पण की अपील का अधिकार खो देने को तैयार हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन