आईएसआई की भूमिका पर बातचीत में पाकिस्तान की झिझक
१७ जून २०११अमेरिका में मुकदमों में मुंबई हमले से आईएसआई को जोड़ते हुए आरोपी डेविड हेडली द्वारा दिए गए बयानों के बाद भारत की कोशिश रहेगी कि आईएसआई की भूमिका को भी बातचीत का विषय बनाया जाए. इन कोशिशों को दरकिनार करने के तेवर में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तहमिना जनुजा ने इस्लामाबाद में कहा है कि बातचीत तीन विषयों पर होगी : शांति और सुरक्षा, जम्मू-कश्मीर और मैत्रीपूर्ण आदान प्रदान.
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव के साथ पाकिस्तानी विदेश सचिव सलमान बशीर की बातचीत की तारीख और विषयों के बारे में सूचना दे रही थीं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरोध से जुड़े हुए सवालों की चर्चा इस वर्ष के आरंभ में दोनों देशों के गृह सचिवों की बैठक में हो चुकी है. उन्होंने कहा, "भारत जो भी नए सबूत या ताजा सूचना दे रहा है, उन्हें गृह मंत्रालय में भेज दिया जाता है, जो जमीनी सच्चाई के आधार पर उनकी जांच करता है." उनका कहना था कि शुरू होने वाली वार्ता में कश्मीर के 'मुख्य सवाल' पर ध्यान देना जरूरी है.
सोमवार को भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा था कि नई बातचीत में आईएसआई और मुंबई हमले के षडयंत्रकारियों के बीच संबंधों को उठाया जाएगा, जिनका शिकागो में तहव्वुर राना के मुकदमे के दौरान पर्दाफाश हुआ है.
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए जनुजा ने कहा कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में स्थाई शांति और विकास के लिए भारत के साथ नतीजों पर लक्षित बातचीत चाहता है. उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी बात यह है कि दोनों देशों की सरकारें मान रही हैं कि सिर्फ बातचीत के जरिए ही आगे बढ़ना संभव है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में विश्वासोत्पादक कदमों की समीक्षा भी जरूरी है.
बातचीत में अमेरिकी मध्यस्थता के सिलसिले में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच संवाद जारी है. वह इस बात का ऊंचा मूल्यांकन करती हैं कि अमेरिका इसे प्रोत्साहित कर रहा है. उनका कहना था कि जहां तक दोनों देशों का सवाल है तो संवाद की प्रक्रिया सही रास्ते पर आगे बढ़ रही है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: ओ सिंह