आईसीसी शर्तें तोड़ीं तो वर्ल्ड कप से बाहर
४ फ़रवरी २०११आईसीसी का कहना है कि अगर कोई खिलाड़ी अनजाने में या जानबूझकर आईसीसी की शर्तों को तोड़ता है तो उस पर जुर्माने के अलावा वर्ल्ड कप से बाहर भी किया जा सकता है. आईसीसी की ओर से यह मेमो पिछले साल 26 अक्तूबर को भेजा गया लेकिन भारतीय खिलाड़ियों को इसकी गंभीरता का एहसास अब हो रहा है. सचिन तेंदुलकर, आशीष नेहरा, युवराज सिंह और हरभजन सिंह ने इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर के साथ बैठक करने की इच्छा जाहिर की है.
आईपीएल फ्रेंचाइजी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि खिलाड़ी इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए एक बैठक करना चाह रहे हैं क्योंकि ब्रैंड के प्रचार पर आईसीसी की पाबंदी वर्ल्ड कप के सात दिन पहले शुरू होगी और तभी खत्म होगी जब कोई टीम बाहर हो जाएगी. बेकर ने अपने मेमो में कहा, "'टीम के सदस्य अपने नाम या छवि को किसी अन्य कंपनी या इवेंट के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते. यह पाबंदी विज्ञापन और व्यवसायिक प्रचार पर लागू होगी क्योंकि उस कंपनी का वर्ल्ड कप से जुड़े होने का संकेत जा सकता है."
आईसीसी ने अपने मेमो में कहा, "वर्ल्ड कप के पहले मैच से टीम के टूर्नामेंट से बाहर होने तक कोई तीसरी पार्टी खिलाड़ियों का नाम या छवि किसी प्रोडक्ट के विज्ञापन या प्रसार के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकती जिसमें टीम किट, टीम यूनिफॉर्म और प्रैक्टिस किट का इस्तेमाल हो रहा है. मैदान पर मौजूदगी के समय टीम के सदस्य किसी अन्य कंपनी का लोगो नहीं दिखा सकते."
हालांकि आईसीसी ने नरमी दिखाते हुए टीम के सदस्यों को मेगा इवेंट के दौरान कुछ खास शर्तों के तहत प्रचार और विज्ञापन करने की इजाजत भी दी है. अगर खिलाड़ी पारंपरिक सफेद पोशाक या आरामदेह कपड़ों में चाहें तो विज्ञापन कर सकते हैं बशर्ते के वे टीम के राष्ट्रीय झंडों के रंग में न हों. साथ ही उनका वर्ल्ड कप के लोगो या आईसीसी टूर्नामेंट से कोई संबंध न दिखाई दे.
आईसीसी के इस कड़े रुख के बाद दबाव अब वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रहे देशों पर आ गया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि खिलाड़ी इन शर्तों को न तोड़ें और इसके चलते टीम से बाहर न हों. आईसीसी ने अपील की है कि उसके व्यवसायिक साझेदारों के हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल