आखिरकार मौत से हार ही गई नन्हीं जान
८ अगस्त २०१०बच्ची सोमवार को पैदा हुई और डॉक्टरों ने तुरंत उसे मृत घोषित कर दिया. टुलानशिंगो शहर के डॉक्टरों का कहना था कि शिशु का पूरी तरह विकास नहीं हुआ, जिस वजह से उसे बचाया नहीं जा सका. इसके बाद नवजात को ताबूत में रख कर दफनाने की तैयारी होने लगी.
लेकिन जैसे ही लोग कब्रिस्तान की तरफ बढ़े, ताबूत के भीतर बच्ची एकाएक रोने लगी. ताबूत खोलते ही लोगों की हैरानी का ठिकाना न रहा. बच्ची हाथ पांव हिलाते हुए रो रही थी. परिवार के लोग फौरन उल्टे पांव अस्पताल की तरफ भागे. डॉक्टरों की आंखें भी अचंभे से खुली रह गईं. डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची वाकई में मर चुकी थी, लेकिन यह हैरानी की बात है कि अचानक न जाने कैसे उसकी जान लौट आई.
इसके बाद बच्ची को अस्पताल में गहन निगरानी में रखा गया. अस्पताल ने कहा कि बच्ची की हालत स्थिर बनी हुई है. बात पूरे मेक्सिको में फैल गई, लोग इसे चमत्कार की तरह देखने लगे. लेकिन तभी गुरुवार रात बुरी खबर आई. जिंदगी और मौत के बीच छटपटाती नन्हीं जान वाकई दम तोड़ बैठी. उसकी मौत ने मां बाप के साथ डॉक्टरों और नर्सों को भी रुला दिया.
लेकिन मां बाप और डॉक्टर एक बार और उसके रोने की उम्मीद करते रहे. तीन दिन तक उसे आईसीयू में ही रखा गया. इसी उम्मीद में कि, क्या पता उसमें फिर से जान लौट आए. लेकिन मायूसी के बीच शनिवार को हिडाल्गो राज्य के अटॉर्नी जरनल खोसे रोड्रिगेज ने बच्ची की मौत की आधिकारिक पुष्टि कर दी. प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, ''नन्हीं जान को नहीं बचाया जा सका.''
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: महेश झा