आखिरी सफर पर कोस्टा कोन्कोर्डिया
इटली के जिगोलो द्वीप पर दो सालों से अटका पड़ा दुर्घटनाग्रस्त जहाज अपने आखिरी सफर पर निकल चुका है. इतिहास में पहली बार इस तरह किसी जहाज को किनारे लगाने की कोशिश हो रही है, जिसका आखिरी पड़ाव आ चुका है.
जहाजों की कब्रगाह
बुधवार को जिगोलो से निकला क्षतिगस्त कोस्टा कोन्कोर्डिया जिनोवे पहुंच गया है. इसके जंग खा चुके, टूटे फूटे हिस्सों को अब एक एक करके तोड़ा जाएगा. और फिर ये जहाज इतिहास की किताब में दफ्न हो जाएगा.
बड़ा काम
इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त जहाज को सीधा कर उसे 280 किलोमीटर दूर जेनोवे में ले जाया गया. ये एक बहुत बड़ी चुनौती थी. काम पूरा होने पर खुश होते इंजीनियर और कर्मचारी.
तकनीक से खड़ा हुआ
कोस्टा कोन्कोर्डिया को तकनीक के सहारे भूमध्य सागर में दोबारा खड़ा कर दिया गया है. इसे फिलहाल एक प्लेटफॉर्म पर रखा गया है और बाद में उसे धीरे से हटा दिया जाएगा. इसके लिए खास तैयारियां की गई हैं. जहाज के पेंदे में हवा भरी गई है.
आखिरी सफर
इसके बाद जहाज को 30 मीटर पूर्व की तरफ ले जाया जाएगा, जहां पानी गहरा है. वहां इसे प्रोपेलर से जोड़ा जाएगा. योजना है कि फिर जहाज को 10 मीटर आगे ले जाया जाए और फिर किनारे लगाने की कोशिश हो.
नाजुक तरीका
समझा जाता है कि इस नाजुक तरीके में हफ्ता भर लग जाएगा. दोबारा तैराने की इस कार्रवाई में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं. जहाज की हालत बुरी है. इसे बढ़ाने के दौरान इसमें से तेल भी लीक कर सकता है, जो पूरे ऑपरेशन को मुश्किल बना सकता है.
धीरे धीरे रे मना...
यह काम कितना नाजुक है, अंदाजा इस बात से लगता है कि पिछले साल सितंबर में 20 महीने बाद इसे सीधा करने का काम शुरू किया गया. 19 घंटे की कार्रवाई में 290 मीटर लंबे जहाज को एक एक मिलिमीटर करके खड़ा किया गया.
देखने लायक नजारा
भले ही कोस्टा कोन्कोर्डिया जहाज हादसे का शिकार रहा हो लेकिन इसे खड़ा करने के काम को निहारने वाले भी कम नहीं. क्रेन और हाइड्रोलिक मशीनों की मदद से जहाज को पहले 65 डिग्री के कोण पर घुमाया गया, फिर खड़ा किया गया. इसे बड़ी इंजीनियरिंग कामयाबी बताया जा रहा है.
हादसे की रात
13 जनवरी, 2012. कोस्टा कोन्कोर्डिया के लिए मनहूस रात. रात करीब पौने 10 बजे यह लक्जरी जहाज हादसे का शिकार हो गया. गहरे पानी में गिरने से पहले यह कई सौ मीटर घूमता रहा.
देर से राहत
जहाज में 4000 लोग थे, जिनमें से 1000 क्रू सदस्य. जब हादसा हुआ, तो ज्यादातर मुसाफिर डिनर कर रहे थे. पहले उनसे कहा गया कि बिजली सप्लाई में गड़बड़ है. फिर साढ़े 10 बजे हादसे की बात बताई गई.
जानलेवा दुर्घटना
द्वीप के पास पहुंचने से पहले जहाज में पानी भरने लगा. यह एक तरफ झुक गया और डूबने लगा. कुल मिला कर इस हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई और एक लापता शख्स आज तक नहीं मिला है. कई मुसाफिरों को छोटी नावों से बचाया गया. कुछ ने तो पानी में छलांग लगा दी थी.
कोर्ट में कैप्टन
फ्रांसेस्को शेटिनो को घटना के कुछ दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया. 52 साल के कप्तान पर आरोप है कि उन्होंने घटना का सही अंदाजा नहीं लगाया और जहाज छोड़ कर भाग गए. मुकदमा चल रहा है.