आठ महीने में कुछ यूं पूरी हुई लीबिया क्रांति
२० अक्टूबर २०११15 फरवरी
लीबिया की क्रांति की शुरुआत इस साल 15 फरवरी को हुई. ट्यूनिशिया में ऐसे ही प्रदर्शनों के बाद सत्ता बदल गई जिससे पूरे अरब जगत में यह क्रांति फैल गई. लीबिया में भी प्रदर्शन शुरू हो गए. 15 फरवरी को मानवाधिकार कार्यकर्ता फेतही तारबेल को गिरफ्तार किया गया. लोग इस गिरफ्तारी से भड़क गए और बेनगाजी शहर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.
5 मार्च
प्रदर्शन शुरू होने के बाद सब कुछ बहुत तेजी से हुआ. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गद्दाफी और उनके परिवार पर प्रतिबंध लगा दिए. मिसराता शहर पर गद्दाफी विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया. और 5 मार्च को नेशनल ट्रांजीशनल काउंसिल ने खुद को लीबिया का एकमात्र प्रतिनिधि घोषित कर दिया.
19 मार्च
नाटो सेनाओं ने इस दिन लीबिया में पहला हवाई हमला किया. बेनगाजी में जारी लड़ाई में गद्दाफी की फौजों पर किए गए इन हमलों से एनटीसी के हथियारबंद लड़ाकों को मदद मिली.
30 अप्रैल
राजधानी त्रिपोली में नाटो के एक हमले में गद्दाफी का सबसे छोटा बेटा और तीन पोते मारे गए.
27 जून
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने कर्नल गद्दाफी, उनके बेटे सैफ अल इस्लाम और खुफिया एजेंसियों के प्रमुख अब्दुल्लाह अल सेनुसी के खिलाफ वॉरंट जारी किया. उन पर मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप लगाए गए.
21 अगस्त
विद्रोही राजधानी त्रिपोली में पहुंच गए और गद्दाफी के महल को घेर लिया गया. गद्दाफी ने सरकारी टेलीविजन पर एक संदेश में लोगों से कहा कि वे विद्रोही चूहों से लड़ें और उन्हें मार भगाएं.
23 अगस्त
विद्रोहियों ने गद्दाफी के महल पर कब्जा कर लिया. गद्दाफी का कहीं कोई अता पता नहीं था लेकिन उनकी सत्ता का सबसे बड़ा प्रतीक ध्वस्त कर दिया गया.
8 सितंबर
लीबिया के अंतरिम प्रधानमंत्री महमूद जिब्रिल पहली बार त्रिपोली पहुंचे.
20 अक्तूबर
सिर्ते पर एनटीसी का कब्जा हुआ. कर्नल गद्दाफी शहर से भागते हुए पकड़े गए.
रिपोर्टः रॉयटर्स/एएफपी/डीपीए/वी कुमार
संपादनः ए कुमार