आडवाणी और बर्धन से मिले अन्ना हजारे के साथी
२५ जून २०११केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों के बीच लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने के लिए कई दौर की बातचीत हुई लेकिन सहमति नहीं बन पाई. मतभेदों के बिंदुओं का उल्लेख करते हुए सरकार के प्रतिनिधियों ने बिल का मसौदा कैबिनेट को भेजने का फैसला किया है. इसी मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है. लोकपाल बिल में नरमी आती देख अब सिविल सोसाइटी अन्य दलों से मिल कर समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.
अरविंद केजरीवाल, किरन बेदी और मनीष सिसोदिया ने बीजेपी नेता एलके आडवाणी से मुलाकात की. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक आडवाणी ने भरोसा दिया है कि पार्टी कड़े लोकपाल बिल के पक्ष में है. हालांकि आडवाणी ने कहा कि सिविल सोसाइटी सदस्यों के साथ तभी बेहतर विमर्श होगा जब लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी दिल्ली लौट आएंगे. आडवाणी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और अन्ना हजारे की टीम की बैठक तीन जुलाई से पहले रखने की सलाह दी है. लोकपाल बिल के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
मुलाकात के बाद किरन बेदी ने बताया, "बैठक बेहद उत्साहजनक रही. आडवाणी ने हमें बताया है कि देश को प्रभावी लोकपाल की जरूरत है. उन्होंने हमारी बातों को सुना और आग्रह किया कि अन्य बीजेपी नेताओं के सामने हम अपनी बातों को रखें." बीजेपी का कहना है कि वह फिलहाल लोकपाल बिल से जुड़े सभी पहलुओं को देख रही है लेकिन अंतिम राय वह सर्वदलीय बैठक के बाद ही व्यक्त करेगी.
वहीं सीपीआई नेता एबी बर्धन से मुलाकात के दौरान बर्धन ने अन्ना हजारे के सहयोगियों से बिल के मसौदे पर स्पष्टीकरण मांगा है. मनीष सिसोदिया का कहना है कि बर्धन को कुछ शंकाए हैं और इसीलिए उनसे दोबारा मिलने का फैसला लिया गया है. अन्ना हजारे की टीम का कहना है कि वे किसी पार्टी से कोई आश्वासन नहीं मांग रहे हैं, सिर्फ अपने पक्ष को रखने का प्रयास कर रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ईशा भाटिया