आतंकी हमले में पाक पुलिसकर्मी मरे
२२ जनवरी २०१४पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम इलाके में पड़ने वाला बलूचिस्तान देश के सबसे अस्थिर इलाकों में से एक है. स्पेनी साइकलिस्ट और उसकी सुरक्षा में लगे स्थानीय कबायली पुलिस के जवानों पर मस्तांग जिले में हमला हुआ. यह जिला क्वेटा से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. बलूचिस्तान की सीमा ईरान और अफगानिस्तान से लगती है. यह इलाका इस्लामी चरमपंथियों, सांप्रदायिक खून खराबे और अलगाववाद से जुड़ी हिंसा के लिए सुर्खियों में बना रहता है. फिरौती के लिए अपहरण की वारदात यहां आम बात है. पश्चिमी देशों के नागरिक के अपहरण से मोटी फिरौती मिलने की संभावना अधिक रहती है.
स्पेनी साइकलिस्ट पर हमला
स्थानीय प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी शफकत सहवानी ने बताया, "ईरान होते हुए स्पेनी साइकलिस्ट पाकिस्तान में दाखिल हुआ था. स्थानीय कबायली पुलिस के जवान उसे एस्कॉर्ट कर रहे थे, तभी बंदूकधारियों ने काफिले पर हमला कर दिया." अधिकारी ने बताया कि दोनों तरफ से चली गोली में पुलिस के छह जवान मारे गए और पांच घायल हुए.
अधिकारी के मुताबिक साइकलिस्ट को मामूली चोटें आई है. स्पेनी नागरिक को मेडिकल जांच के बाद इस्लामाबाद भेज दिया गया है. एक और अधिकारी अकबर बलोच ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि जवाबी गोलीबारी में एक हमलावर भी मारा गया है.
खून खराबे के लिए बदनाम
पिछले साल मार्च में ईरान होते हुए पाकिस्तान के बलूचिस्तान में दाखिल होने वाली दो चेक महिलाओं का अपहरण हो गया था. लंबे अर्से तक महिलाएं लापता रहीं. बाद में वीडियो के जरिए उन महिलाओं ने अपनी सरकार से रिहाई के लिए काम करने की अपील की. साल 2011 में एक स्विस दंपति का पाकिस्तान तालिबान ने अपहरण कर लिया. दोनों आठ महीने तक पाकिस्तान तालिबान के कब्जे में रहे. स्विस दंपति को मार्च 2012 में बरामद कर लिया गया. हालांकि दोनों को किन हालातों में पाया गया इसका खुलासा नहीं हो पाया. बुधवार की घटना उस जगह के पास हुई जहां मंगलवार को शिया समुदाय की बस पर हमला हुआ था. बस पर सवार 24 शियाओं की मौत हो गई. वे सभी ईरान से धार्मिक यात्रा कर लौट रहे थे. पिछले एक दशक से बलूचिस्तान अलगाववाद और सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस रहा है. ज्यादातर हमले शियाओं को निशाना बनाकर होते हैं. पिछले साल जनवरी और फरवरी में हजारा जाति के लोगों पर हुए दो बम हमलों में 200 जानें गई थीं.
एए/एमजे (एएफपी)