''आतंकी हैं माओवादी''
२० नवम्बर २००९भारत के गृह सचिव जी के पिल्लै ने रेलवे ट्रैक उड़ाने की घटना को माओवादियों की कायराना हरकत क़रार दिया. उड़ीसा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा मामलों की बैठक के बाद पिल्लै ने कहा, ''आतंकवादियों और माओवादियों में कोई अंतर नहीं है. वह रेलवे स्टेशनों, ट्रेनों, मोबाइल टावरों और स्कूलों को आसान निशाना बना रहे हैं. मेरे मन में उनके लिए कोई सहानुभूति नहीं है.'' पिल्लै ने कहा कि माओवादियों के हमले का शिकार आम जनता हो रही है. लेकिन उन्होंने साफ़ किया कि फ़िलहाल माओवादियों के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई की कोई योजना नहीं है. गृह सचिव के मुताबिक माओवाद पर क़ाबू पाने के लिए प्रशासनिक ढांचे को बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
पिल्लै ने कुछ ही दिन पहले माओवादियों को आतंकी क़रार देने से इनकार कर दिया था. केंद्र सरकार का ये मानना रहा है कि नक्सलियों के ख़िलाफ़ आतंकियों जैसा सलूक नहीं किया जा सकता और उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने की कोशिश की जाएगी. नक्सली हिंसा पर काबू पाने के लिए सेना के इस्तेमाल की संभावना पर उठे विवाद के बाद केंद्रीय गृ हंत्री पी चिदम्बरम ने कहा था कि अभियान का मक़सद नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के सफ़ाए का नहीं होगा. उन्होंने कहा था कि नक्सली आतंकवादी नहीं है.
उसके बाद केंद्रीय गृह सचिव पिल्लै ने भी कहा कि अगर माओवादी हथियार डाल दें तो बातचीत मुमकिन है लेकिन उनकी इस अपील को दूसरे पक्ष ने ठुकरा दिया. इसके बाद गुरुवार रात माओवादियों ने झारखंड में रेलवे ट्रैक उड़ा दिया. इसी दौरान वहां से गुजर रही एक पैसेंजर ट्रेन के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए और दो लोगों की मौत हो गई और 50 से ज़्यादा घायल हुए.
इसके बाद जहां एक और गृह सचिव के रुख़ में सख़्ती आई है वहीं माओवादी भी रेलवे ट्रैक को निशाना बनाए जाने पर माफ़ी मांग रहे हैं. माओवादियों को अब इस बात की चिंता होने लगी है कि कहीं उनसे सहानुभूति रखने वाले भी उनके ख़िलाफ़ न हो जाएं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: एस जोशी