आयरलैंड के लड़ाकों ने दिल जीता
१६ मार्च २०११कोलकाता में आयरलैंड भले ही हार गया, लेकिन उसका प्रदर्शन फिर तारीफ के काबिल रहा. टीम ने दक्षिण अफ्रीका के मजबूत शीर्ष क्रम की धुर्रियां उड़ा कर रख दी. आयरलैंड की शानदार गेंदबाजी और चुस्त फील्डिंग ने अमला, स्मिथ, कैलिस और डिवीलियर्स जैसे बल्लेबाजों के जूतों के फीते आपस में ऐसे बांधे कि दिग्गज बल्लेबाज औंधे मुंह गिरे.
हालांकि डुमिनी की विस्फोटक बल्लेबाजी के चलते दक्षिण अफ्रीका मैच जीतने में सफल रहा. लेकिन क्रिकेट प्रेमियों की नजरों में आयरलैंड भी नहीं हारा. इससे पहले आयरिश टीम ने भारत की भी ऐसी ही हालत की. 207 रन बनाने के बाद आयरलैंड ने टीम इंडिया के 100 पर चार विकेट गिरा दिए. युवराज सिंह का अर्धशतक किसी तरह टीम को बचाकर जीत तक ले जा सका. वह भी 46वें ओवर में.
आयरलैंड को टेस्ट टीम का दर्जा अभी हासिल नहीं है लेकिन वर्ल्ड कप में टीम ने अप्रत्याशित प्रदर्शन किया. कप्तान विलियम पोर्टरफील्ड के मुताबिक विश्व कप ने टीम को एक नई ऊंचाई दी है.
उन्होंने कहा, ''हमने वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन किया. हमें काफी अनुभव हासिल हुआ, जिसका आगे फायदा होगा.''
पोर्टरफील्ड की टीम ने सबसे ज्यादा सन्न इंग्लैंड को किया. इंग्लैंड की कसी गेंदबाजी के बावजूद आयरिश बल्लेबाजों ने 329 रन के लक्ष्य का पीछा किया. केविन ओ ब्रायन ने ऐसा विस्फोटक शतक जड़ा कि इंग्लैंड का स्कोर बौना साबित हुआ. 111 पर पांच विकेट खो चुके आयरलैंड से ऐसी उम्मीद किसी को नहीं थी. कमेंट्रेटर और क्रिकेट पंडित भी हकला कर रह गए.
आयरलैंड का अगला मुकाबला अब नीदरलैंड्स से है. टीम चाहती है वर्ल्ड कप से जीत के साथ विदाई हो.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा एम