इंग्लैंड दौरे में रिव्यू सिस्टम का इस्तेमाल नहीं
१० जून २०११भारतीय क्रिकेट बोर्ड का कहना है कि भारत और इंग्लैंड के मैच के दौरान वह इस तकनीक का इस्तेमाल करने का इच्छुक नहीं है. भारत और इंग्लैंड के बीच जुलाई से चार टेस्ट मैचों की सीरिज शुरू हो रही है. एक अखबार के मुताबिक बीसीसीआई ने इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड को आधिकारिक रूप से सूचित कर दिया है कि आगामी सीरिज में रिव्यू सिस्टम को इस्तेमाल में लाए जाने के पक्ष में नहीं है.
किसी भी सीरीज में डिसीजन रिव्यू सिस्टम के लिए जरूरी है कि दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड इसके इस्तेमाल के लिए हामी भर दें.
सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी सहित भारत के कई खिलाड़ी अंपायर के फैसलों की समीक्षा के लिए शुरू किए गए नियम का विरोध कर रहे हैं. लेकिन इंग्लैंड के खिलाड़ी इसके पक्ष में हैं. स्पिनर ग्रैम स्वॉन इसका समर्थन कर चुके हैं. इंग्लैंड के पूर्व ऑफ स्पिनर जॉन एम्ब्रे का कहना है कि भारतीय खिलाड़ी इस नियम का इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि इससे इंग्लैंड के गेंदबाजों को मदद मिलेगी.
"डिसीजन रिव्यू सिस्टम का स्पिन गेंदबाजों को काफी फायदा पहुंचा है क्योंकि फ्रंट फुट पर खेलने वाले बल्लेबाजों के विकेट लेने में बढ़ोत्तरी हुई है. यह स्पिनरों को बड़ा फायदा देता है. सिस्टम से पता लगाया जा सकता है कि गेंद स्टंप को हिट करने के लिए जा रही है या नहीं. अब अपांयर भी यह सोचते हैं कि वह संदेह होने पर बल्लेबाज को आउट दे सकते हैं."
एम्ब्रे के मुताबिक रिव्यू सिस्टम की बदौलत बल्लेबाजों को स्पिनरों के खिलाफ सही शॉट खेलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. "डीआरएस की वजह से बल्लेबाजों को अब गेंद से बचने और बल्ले को पैड के पीछे छिपाने की बजाए शॉट खेलना पड़ता है. इससे गेंद के बल्ले का बाहरी किनारा लेने और कैच होने की ज्यादा संभावना रहती है."
वर्ल्ड कप के दौरान इस्तेमाल में लाए गए सिस्टम से भारतीय खिलाड़ी अंसतुष्ट दिखाई दिए. हालांकि हाल ही में इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच खेली गई सीरिज में इसका इस्तेमाल किया गया. अंपायर डिसीजन रिव्यू सिस्टम एक नई तकनीक है जिसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा रहा है. बल्लेबाजों के आउट होने पर अंपायर के फैसले की समीक्षा की जाती है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल