इंग्लैंड से नाराज फैन ड्रेसिंग रूम में घुसा
१९ जून २०१०अल्जीरिया के साथ केपटाउन में इंग्लैंड जब खेलने उतरा तो टीम के समर्थकों को उम्मीद थी की उसे गोलों की बारिश देखने को मिलेगी लेकिन वहां सूखा नजर आया. इंग्लैंड के खिलाड़ी भी अपने प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके. इंग्लैंड अपना पहला मैच अमेरिका के साथ ड्रॉ खेला और दूसरा मैच भी अल्जीरिया के साथ ड्रॉ रहा. ऐसे में इंग्लैंड का हौसला बढ़ाने गए प्रशंसकों के हौसले टूटने लगे हैं और उनके संयम का पैमाना छलक रहा है.
जब इंग्लिश टीम मैदान से बाहर जा रही थी तो उसके ही फैंस ने उसकी खिंचाई की. वर्ल्ड कप में बने रहने के लिए इंग्लैंड को अगले मैच में स्लोवेनिया को हराना जरूरी हो गया है. अल्जीरिया के साथ मैच का नतीजा एक प्रशंसक को जरा भी पसंद नहीं आया और वह सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए इंग्लैंड के ड्रेसिंग रूम में जा घुसा. वैसे खिलाड़ियों तक पहुंचने की कोशिश करने वाला यह प्रशंसक अकेला ही था और उसे जल्द ही वहां से चलता कर दिया गया. इस घटना में किसी को चोट तो नहीं आई लेकिन इससे वर्ल्ड कप में खिलाड़ियों की सुरक्षा पर सवाल जरूर खड़े हो गए हैं.
फुटबॉल एसोसिएशन भी इस घटना से सकते में है और उसका कहना है कि इतनी सुरक्षा के बावजूद वेन रूनी, स्टीवन जेरार्ड और डेविड बेखम जैसे सितारों के पास आखिर कोई कैसे पहुंच सकता है. एफए के प्रवक्ता ने बताया, "फीफा की सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद एक फैन अंदर घुस गया. हमने फीफा से इस मामले में अपनी शिकायत दर्ज करा दी है. हम इस तरह की घटनाओं को स्वीकार नहीं कर सकते. राहत की बात है कि किसी को नुकसान नहीं पहुंचा."
इस घटना को इसलिए भी संवेदनशील माना जा रहा है क्योंकि ब्रिटेन के प्रिंस हैरी और प्रिंस विलियम ने खिलाड़ियों के ड्रेसिंग रूम में जाकर शाम को उनसे मुलाकात की थी. लेकिन जब गुस्साया फैन ड्रेसिंग रूम में घुसा उस समय दोनों मौजूद नहीं थे.
शुक्रवार को मैच के बाद इंग्लैंड के स्टार खिलाड़ी वेन रूनी को भी फूलों की जगह आलोचना के स्वर सुनने को मिले. उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा और प्रशंसक इससे बेहद नाराज थे. जब वह मैदान से बाहर जा रहे थे तो उन्हें कैमरे पर यह कहते हुए पकड़ लिया गया कि, "अपने फैंस को अपनी ही बेइज्ज्ती करते देखना अच्छा अनुभव है." केपटाउन में इंग्लैंड टीम के करीब 25,000 समर्थक हैं जो मैच से पहले अपने उत्साह और बाद में अपने गम को शराब में डुबो रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल