इंडियन ग्रां प्री पर संकट
३० जुलाई २०१३हालांकि भारतीय आयोजकों को इस बात की उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा. दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा की बुद्ध सर्किट पर रेस आयोजित करने वाली जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल ने आशा की है कि उनसे यह चीज छीनी नहीं जाएगी. कंपनी के प्रवक्ता असकरी जैदी ने बताया, "फॉर्मूला वन प्रबंधन ने इस मामले में हमसे किसी तरह का संपर्क नहीं किया है."
मुश्किल यह हो रही है कि भारतीय सरकार ने रेस के आयोजकों और इस दौरान यहां आने वाले ड्राइवरों पर भारी टैक्स लगाने का फैसला किया है. एकलस्टन ने इस साल के लिए तो एक तयशुदा राशि देने की सहमति दे दी है लेकिन आगे के लिए दूसरी जगहों की तलाश शुरू कर दी है. भारत में इस साल 25 से 27 अक्तूबर को फॉर्मूला वन ग्रां प्री रेस होगी.
जैदी का कहना है, "हमारे समझौते के मुताबिक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर 2015 तक फॉर्मूला वन रेस होने की बात है और हम चाहेंगे कि कम से कम तब तक तो रेस जरूर हों."
भारत के अलावा दक्षिण कोरिया में भी रेस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इसके पीछे राजनीतिक और वित्तीय संकट का हवाला दिया जा रहा है. बहरहाल एकलस्टन इनसे अलग अमेरिका, रूस और ऑस्ट्रिया में रेस कराने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं बहुत सी गेंदों के साथ खेल रहा हूं."
अगले सीजन से फॉर्मूला वन की तीन रेसें बढ़ाने की योजना चल रही है जिसमें रूसी शहर शोची को शामिल किया जा सकता है. इसी शहर में अगले साल विंटर ओलंपिक भी होने हैं. अगर ऐसा हुआ, तो रूस में पहली बार फॉर्मूला वन ग्रां प्री रेस होगी. इसके अलावा ऑस्ट्रिया के श्पीलबर्ग और अमेरिका के न्यू जर्सी में भी रेस की योजना है.
हंगेरियन ग्रां प्री के दौरान भारत के बारे में तो एकलस्टन ने साफ साफ कहा, "क्या भारत में अगले साल रेस होगी, शायद नहीं." जब उनसे पूछा गया कि ग्रेटर नोएडा की रेस के साथ क्या समस्या है, तो उन्होंने कहा, "बहुत राजनीतिक."
हालांकि भारत में फॉर्मूला वन लाने के लिए अहम किरदार निभाने वाले फेडेरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब के प्रमुख विकी चंढोक का कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि रेस होगी. उन्होंने तो यहां तक कहा कि रेस 2015 के बाद भी जारी रहेगी. उन्होंने कहा जेपी और एकलस्टन दोनों चाहते हैं कि 2015 में रेस साल के शुरुआती हिस्से में हो, "ऐसे में जाहिर है कि 2014 के आखिरी दिनों में रेस कराई जाए और फिर 2015 के शुरू में. तो इस हालत में 2014 के रेस को टाल कर 2015 में ले जाया जा सकता है और चूंकि करार पांच साल का है, लिहाजा उस साल की रेस अगले साल हो सकती है."
एकलस्टन चाहते हैं कि अगले साल से 22 रेसें हों, हालांकि टीमें 20 रेसों पर अड़ी हुई हैं. अगले सीजन का कैलेंडर आम तौर पर सितंबर में तैयार किया जाता है और उसे इंटरनेशनल ऑटोमोबाइल फेडेरेशन को सौंपा जाता है, जिस पर रेस कराने की जिम्मेदारी होती है.
भारत में 2011 में फॉर्मूला वन रेस शुरू हुई और दोनों बार जर्मनी के सेबास्टियन फेटल ने जीत हासिल की.
एजेए/एमजी (एएफपी, रॉयटर्स)