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इंडोनेशिया में प्रकृति का कहर

२७ अक्टूबर २०१०

इंडोनेशिया में भूकंप के बाद आई सुनामी में 108 लोग मारे गए हैं और 500 के करीब लोग लापता हैं. उधर जावा में ज्वालामुखी फटने के कारण 13 लोग मारे गए हैं.

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राहत कैंप में लोगतस्वीर: AP

2004 से अब तक इंडोनेशिया में प्राकृतिक दुर्घटनाओं पर एक नजर:

25 अक्तूबर 2010 पश्चिमी सुमत्रा में द्वीप पर आए भूकंप के बाद आई सुनामी से 118 लोगों की मौत और 500 लापता. इसके एक ही दिन बाद जावा में मेरापी पर्वत के ज्वालामुखी के राख उगलने के कई लोग घर छोड़ गए. 13 की मौत.

4 अक्तूबर 2010 पूर्वी इंडोनेशिया के पश्चिमी पापुआ में बाढ़ के कारण कम से कम 148 की मौत

23 फरवरी 2010 दक्षिणी जकार्ता में बांडुंग के पास भूस्खलन से 85 लोग मारे गए.

8 नवंबर 2009 दक्षिणी सुलावेसी के पापोलो जिले में भूस्खलन से 30 लोग जान से हाथ धो बैठे.

30 सितंबर 2009 सुमत्रा के पाडांग में भूकंप के कारण 1,100 लोगों की मौत

2 सितंबर 2009 जावा में भूकंप से 100 की मौत

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ज्वालामुखी मेरापीतस्वीर: picture alliance/AFP Creative

26 दिसंबर 2007 जावा में बाढ़ और भूस्खलन से 130 लोग मारे गए.

जुलाई 2007 सुलावेसी में बाढ़ और भूस्खलन ने 130 से ज्यादा की जान लील ली.

6 मार्च 2007 सुमत्रा में भूकंप से 73 की मौत

1 फरवरी 2007 जकार्ता में बाढ़ ने ली 80 की जान

24-29 दिसंबर 2006 सुमत्रा में बाढ़ के कारण 300 की मौत और साढ़े तीन लाख बेघर

17 जुलाई 2006 जावा में समुद्र में भूकंप से पैदा हुई सुनामी ने 650 की जान ली.

20-24 जून 2006 सुलावेसी बाढ़ से साढ़े तीन सौ मारे गए कई लापता और 13 हजार लोग बेघरबार

27 मई 2006 इंडोनेशिया के योग्यकर्ता इलाके में भूकंप से 5,800 लोग मारे गए और डेढ़ लाख लोगों के घर नष्ट हो गए.

28 मार्च 2005 में नियास द्वीप पर 8.6 की तीव्रता वाला भूकंर 900 लोगों की मौत का कारण बना.

21 फरवरी 2005 शांतिटाउन में कचरे का ढेर ढह जाने से 140 लोगों की मौत हो गई.

26 दिसंबर 2004 में समुद्र में आए भूकंप के कारण सुमत्रा में भयावह सुनामी आई जिसने प्रशांत महासागर से जुड़े देशों में दो लाख बीस हजार लोगों को निगल लिया और इंडोनेशिया में एक लाख अड़सठ हजार लोगों की मौत हुई.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः एमजी

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