'इमरान खान अमेरिका के नौकर'
११ नवम्बर २०११तहरीक ए पाकिस्तान पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने हाल ही में लाहौर में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी रैली की. रैली में हजारों लोग आए. इस दौरान इमरान खान के खुद को उदारवादी कहा. ड्रोन हमलों के लिए अमेरिका की खिंचाई की. रैली की सफलता से यह अनुमान लगाया जाने लगा है कि पाकिस्तान में 2013 में होने वाले आम चुनावों में इमरान खान को ठीक ठाक सफलता मिलेगी.
लेकिन अमेरिका पर बरसने के बावजूद इमरान खान की बढ़ती लोकप्रियता पाकिस्तानी तालिबान को पसंद नहीं आ रही है. एक विदेशी रेडियो स्टेशन से बात करते हुए पाकिस्तानी तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान ने कहा, "वह अमेरिका के नौकर हैं."
तालिबान प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इमरान खान उनके प्रति हमदर्दी नहीं रखते. एहसान ने कहा, "हम भी समझते हैं कि इमरान खान हमारे हमदर्द नहीं हैं."
दरअसल कुछ दिन पहले इमरान खान ने पाकिस्तान में फैले आतंकवाद के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में आतंकवाद ड्रोन हमलों का नतीजा है. कमजोर लोग आत्मघाती हमलों के जरिए हमलावरों को निशाना बना रहे हैं." उनके इस बयान के बाद अमेरिका को लगने लगा है कि खान तालिबान के प्रति हमदर्दी रखते हैं. हालांकि अब इमरान खान कह रहे हैं कि वह अमेरिका की नीतियों के खिलाफ हैं. लोगों के खिलाफ नहीं हैं.
पाकिस्तान की जनता के बड़े हिस्से में अमेरिका के प्रति गहरी नफरत है. कुछ सर्वेक्षणों में यह तक कहा जा चुका है कि पाकिस्तान के लोग भारत से ज्यादा अमेरिका को अपना दुश्मन मानते हैं. यही वजह है कि चुनावों की तैयारी कर रही कोई भी पार्टी नहीं चाहती कि उसके नेताओं को अमेरिका से जोड़ा जाए. इमरान खान मांग करते हैं कि तालिबान के खिलाफ हो रहे अमेरिकी ड्रोन हमले बंद किए जाएं और पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में हो रही हिंसा का हल बातचीत से निकाला जाए. आतंकवाद और अमेरिका के बीच अवाम के सामने राजनीति करना पाकिस्तानी नेताओं के लिए कोई आसान समीकरण नहीं है.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: वी कुमार