ईयू के नए टैक्स पर ब्रिटेन का विरोध
९ जनवरी २०१२फ्रांस और जर्मनी चाहते हैं कि ईयू में आर्थिक लेन देन पर कर लगाया जाए, लेकिन ब्रिटेन को डर है कि इससे लंदन जैसे शहर को बहुत नुकसान होगा, क्योंकि लंदन विश्व के आर्थिक केंद्रों में से एक है और सबसे ज्यादा कर लंदन से ही वसूला जाएगा.
सितंबर में यूरोपीय आयोग ने टोबिन टैक्स के सिलसिले में नई योजनाएं पारित कीं. इसके तहत शेयर कारोबार पर 0.1 फीसदी और वित्तीय समझौतों पर 0.01 प्रतिशत टैक्स लगाया जाना है. रविवार को आयोग ने ईयू देशों से कहा कि वे मिलकर एक सामान्य टोबिन टैक्स पर एकमत हों. इस सिलसिले में सोमवार को जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी बर्लिन में मिलकर बातचीत करेंगे.
ब्रिटेन की शिकायत
पिछले महीने ब्रिटेन ने यूरो सुधार समझौते पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था. इसमें यूरो क्षेत्र में कर्ज को कम करने और यूरो देशों के बीच और गहरे सहयोग की बात की जा रही थी. इसके बाद अब ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन वित्तीय लेन देन या टोबिन टैक्स को भी अमल में न लाने की बात कह रहे हैं. उनका कहना है, "यह कोई समझदारी वाली बात नहीं है, कि आप एक यूरोपीय टैक्स लागू करें और आप उस कर को और जगहों में नहीं लगाएंगे."
कैमरन के मुताबिक केवल यूरोप के लिए टोबिन टैक्स लागू करने से बहुत सारी नौकरियां जाएंगी और यूरोप से वित्तीय संस्थाएं बाहर निकलने की कोशिश करेंगी और अंत में यूरोप को ही नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि यूरोपीय नेताओं को ब्रिटेन की तरह अपने बैंकों पर कर लागू करने चाहिए और लेन देन आपस में बांटना चाहिए.
हालांकि फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने ब्रिटेन के विरोध के बावजूद कर लागू करने का फैसला किया है. कैमरन ने कहा है कि फ्रांस इन करों को अपने देश में खुल कर लागू कर सकता है. कैमरन के ईयू विरोधी रवैये से ब्रिटेन में कैमरन की लोकप्रियता बढ़ रही है. हालांकि उनकी नीतियों की आलोचना कर रहे लोगों का कहना है कि इससे ब्रिटेन अकेला पड़ सकता है.
पाउंड, वीजा में खुश है ब्रिटेन
कैमरन कहते हैं कि ब्रिटेन ईयू देशों के लिए एक बाजार और नाटो के मामलों में साझेदार है, लेकिन यूरो और शेंगेन वीजा का ब्रिटेन कभी भी साथ नहीं देगा. कैमरन ने कहा है कि उनका देश पाउंड मुद्रा से खुश है और उनके देश में ब्याज दर भी कम हैं. इस बीच डेनमार्क की अगुवाई में यूरोपीय आयोग का कहना है कि सदस्य देश डेनमार्क की मध्यस्थता में इस विवाद पर बहस कर सकते हैं.
सोमवार को ब्रिटेन के उप प्रधानमंत्री निक क्लेग अपनी पार्टी लिबरल डेमोक्रैट्स के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे और ब्रिटेन की दोबारा ईयू सदस्यों के साथ सहमति पर विचार करेंगे. उनकी पार्टी ईयू का समर्थन करती है और कैमरन के फैसलों की आलोचना कर रही है.
रिपोर्टः रॉयटर्स, एएफपी/एमजी
संपादनः ओ सिंह