ईयू बचाव पैकेज पर यूरोपीय शेयर उछले
१० मई २०१०यूरो ज़ोन के सबसे बड़े बैंक बांको सांनटांडर के शेयर एक समय में 20 फ़ीसदी ऊपर चले गए थे. बीबीवीए और बीके पॉपुलर के बांड भी 20 फ़ीसदी चढ़े. यूरोपीय बैंक सूचकांक में 11 फ़ीसदी की वृद्धि हुई तो ग्रीस के बैंकों के शेयर 12 फ़ीसदी से ऊपर चढ़े.
सोमवार को कारोबार के आरंभिक मिनटों में जर्मन शेयर सूचकांक डाक्स में 2.9 फ़ीसदी की तेज़ी आई और सूचकांक चढ़कर 5875 पर पहुंच गया. जर्मन शेयर बाज़ार में डॉयचे बैंक विजेताओं की सूची में अगुआ रहा. उसके शेयर 11 फ़ीसदी चढ़े जबकि कॉमैर्त्स बैंक के शेयर 8.2 फ़ीसदी महंगे हो गए.
पोस्ट बैंक में शेयरों का कारोबार करने वाले असकान इरेडी कहते हैं, "तय क़दमों से बाज़ार में स्थिरता आएगी. अब यह दस साल ठहरेगा, पांच साल या एक साल, यह कोई नहीं बता सकता." सीटी ग्रुप के अर्थशास्त्री युर्गेन मिषेल्स का कहना है कि इस बार तय किए गए क़दम पिछले फ़ैसलों की तुलना में साहसिक और व्यापक हैं.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और प्रमुख औद्योगिक देशों के संगठन जी-7 के अलावा जी-20 ने भी यूरो मुद्रा को बचाने के लिए तय किए गए बचाव पैकेज की सराहना की है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख डोमीनिक़ श्ट्राउस-कान ने यूरोपीय देशों की सहमति को आगे की ओर बड़ा क़दम बताते हुए कहा है कि यूरोपीय संघ और यूरोपीय बैंक ने मिलकर अत्यंत महत्वपूर्ण क़दम उठाया है. उन्होंने कहा कि 750 अरब यूरो का पैकेज बाज़ार को शांत करने के लिए पर्याप्त है.
मुद्रा सट्टेबाज़ों से यूरो को बचाने के लिए यूरोपीय संघ के देशों ने रविवार रात एक बचाव कोष बनाने का अभूतपूर्व फ़ैसला लिया. इसमें 500 अरब यूरो यूरोपीय देशों का योगदान होगा जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष 250 अरब यूरो का योगदान देगा. जर्मनी 123 अरब यूरो तक की नई गारंटी देगा.
सात प्रमुख औद्योगिक देशों (जी-7) ने भी ब्रसेल्स के बचाव पैकेज का स्वागत किया है. जी-7 के देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के प्रमुखों के एक साझा बयान में कहा गया है, "ये क़दम वित्तीय स्थिरता लाने में मजबूत योगदान देंगे." जी-7 संगठन में जर्मनी के अलावा जापान, अमेरिका, कनाडा, फ़्रांस, ब्रिटेन और इटली शामिल हैं.
प्रमुख औद्योगिक और विकासमान देशों के संगठन जी-20 ने भी यूरोपीय बचाव पैकेज की सराहना की है. एक बयान में कहा गया है कि जी-20 देश विश्वव्यापी आर्थिक व्यवस्था की स्थिरता बनाये रखने का समर्थन करते रहेंगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: राम यादव