ईरान में महिला समेत 12 लोगों को फांसी
२० दिसम्बर २०१०सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के न्याय विभाग के प्रमुख इब्राहिम हामिदी ने फांसी की पुष्टि करते हुए कहा, ''कई जगहों पर आतंकी हमले करने में शामिल 11 लोगों को फांसी दी गई. ये पुलिस के खिलाफ लड़ने और आम लोगों के हत्या करने के दोषी थे. फांसी जाहेदान की जेल में दी गई.''
जुनदुल्लाह सुन्नी आतंकवादी संगठन है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीमा के पास सक्रिय यह संगठन ईरान में हुए कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है. 15 दिसंबर को एक शिया मस्जिद में हुआ धमाका भी जुनदुल्लाह ने किया. इसमें 39 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए.
न्याय विभाग के मुताबिक सजा पाने वाले लोगों को ईरान की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया. राष्ट्रीय समाचार चैनल में हामिदी ने कहा, ''ये लोग भ्रष्ट थे और अल्लाह के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे थे. उन्हें धरती पर भ्रष्टाचार और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ जाने का दोषी पाया गया. न्याय विभाग ने उन्हें अपने बचाव का पूरा मौका दिया. कार्रवाई साफ तरीके से हुई.''
ईरान का आरोप है कि जुनदुल्लाह को अमेरिका और ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों से मदद मिल रही है. तेहरान पाकिस्तान से भी मांग करता रहा है कि वह अपनी सीमा से इन आतंकवादियों को खदेड़े. इसे लेकर दोनों देशों के बीच कभी कभार तनाव भी होता रहा है.
आतंकवादियों के अलावा ईरान में एक महिला को भी सूली पर चढ़ाया गया है. रविवार को मोहिन नामक महिला को फांसी दी गई. उस पर पांच महिलाओं की हत्या के आरोप थे. ईरान में देश के खिलाफ युद्ध, हत्या, बलात्कार, हथियारबंद लूट और नशीले पदार्थों की तस्करी करने का अपराध साबित होने पर मौत की सजा देने का प्रावधान है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: वी कुमार