ईरान में विपक्ष का प्रदर्शन, एक की मौत
१५ फ़रवरी २०११विपक्षी पार्टी की एक वेबसाइट में लिखा है कि पुलिस ने दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया है क्योंकि वे प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे थे. एक चश्मदीद ने कहा कि सुरक्षा बलों ने भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस छोड़ा. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं और इस्फहान शहर में कई लोग गिरफ्तार किए गए. तेहरान में जमा हुए प्रदर्शनकारियों में कुछ लोगों ने 'तानाशाह मुर्दाबाद' के नारे लगाए लेकिन ज्यादातर लोग चुपचाप रैलियों में हिस्सा ले रहे थे. इनमें से कई प्रदर्शनकारियों ने ईरानी नेतृत्व की तुलना काहिरा और ट्यूनीशिया के नेताओं से की.
ईरान की अर्धसरकारी समाचार एजेंसी फार्स के मुताबिक, "तेहरान में रैली में भाग ले रहे विपक्षी समर्थकों ने एक आदमी को गोलियों से मारा और कई लोगों को घायल भी किया." सरकारी टेलिविजन में कहा गया, "पाखंडी, ठग और देशद्रोही, जो ईरान में अराजकता फैलाना चाहते हैं, उन्हें हमारे बहादुर राष्ट्र ने गिरफ्तार कर लिया है. इन लोगों ने कूड़ेदानों को आग लगाया और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट किया." इस बीच अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इन्टरनैशनल ने ईरान में सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना करते हुए कहा कि ईरान के नागरिकों के पास मिस्र और ट्यूनीशिया के विरोधों के प्रति अपनी भावनाएं जताने का हक है.
ईरान के विपक्षी पार्टियों का मानना है कि काहिरा और ट्यूनीशिया में हुए विरोध प्रदर्शन 2009 में ईरान में प्रदर्शनों के जैसे हैं. 2009 में विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति अहमदीनेजाद के दोबारा चुने जाने का विरोध किया था और चुनाव में धांधली के आरोप लगाए थे. वहीं, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह खामेनेई का कहना है कि मिस्र और ट्यूनीशिया में लोगों ने धर्मनिरपेक्ष और पश्चिम समर्थक सरकारों के खिलाफ आंदोलन किया है और इन देशों में आंदोलनों को 'इस्लामी जागृति' का नाम दिया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः महेश झा