एक जैसे पहचान पत्र बनाने का रास्ता साफ
२४ सितम्बर २०१०इस बिल में प्रस्ताव दिया गया है कि एक संवैधानिक संस्था बनाई जाए जिसे नेशनल आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया कहा जाएगा. बिल में अथॉरिटी का कामकाज चलाने के लिए उसे अधिकार दिए गए हैं. इन्हीं अधिकारों के जरिए यह संस्था तय करेगी कि लोगों को पहचान संख्या किस तरह दी जाएगी. इस पहचान संख्या को आधार संख्या नाम दिया गया है. अथॉरिटी का चेयरमैन नंदन निलेकणि को बनाया गया है जो इससे पहले सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस से जुड़े रहे हैं.
अब इस बिल को संसद की मंजूरी के लिए सदन में पेश किया जाएगा. पूरे देश में एक जैसे पहचान पत्र जारी करने की इस योजना पर तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने हैं. इसके जरिए सरकार अगले साल मार्च तक कुछ लोगों को आधार संख्या दे देने के काम में जुटी है. यह काम इसी अथॉरिटी के जरिए किया जा रहा है. पांच साल लंबी यह योजना मार्च 2014 तक चलेगी और तब तक देश के हर नागरिक को आधार संख्या दे दी जाएगी.
एक जैसे पहचान पत्र और पहचान संख्या देने का मकसद देश के सभी लोगों को विकास की प्रक्रिया में शामिल करना है. आधार संख्या के जरिए सरकार उन लोगों की पहचान को आसान बनाना चाहती है जो विकास की रफ्तार में पीछे छूट जाते हैं. इसके अलावा प्रशासन को बेहतर बनाने और लोगों तक आसानी से सारी सुविधाएं पहुंचाने में भी यह पहचान पत्र काम आएगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम