एड्स मरीजों के साथ भेदभाव खत्म हो: प्रीति
१ दिसम्बर २०१०35 वर्षीय प्रीति जिंटा संयुक्त राष्ट्र एड्स संस्था के लिए एड्स बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के काम में व्यस्त हैं. 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के मौके पर प्रीति जिंटा लोगों से अपील कर रही हैं कि एड्स के मरीजों के साथ भेदभाव को रोका जाना चाहिए.
"दुनिया में एचआईवी वायरस एक सच्चाई है. एचआईवी ग्रस्त होने के बाद लोग बदनामी और भेदभाव के डर से इलाज के लिए या सही जानकारी न होने के कारण आगे नहीं आ पाते. लोग यह पता करने में भी शर्म महसूस करते हैं कि उन्हें एड्स है या नहीं. आज के दौर में हमें मजबूती से कहना चाहिए कि भेदभाव को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."
प्रीति ने कहा कि जब वह एचआईवी ग्रस्त छोटे बच्चों को देखती हैं तो उन्हें बहुत दुख होता है."मां से बच्चे को होने वाला संक्रमण मुझे बहुत परेशान करता है.हमें पूरी कोशिश करनी चाहिए कि कोई बच्चा एचआईवी वायरस से ग्रस्त न होने पाए लेकिन फिर भी हजारों बच्चे हर साल इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. 3 लाख से ज्यादा बच्चों का मुफ्त इलाज हो रहा है लेकिन फिर भी डेढ़ लाख लोगों की इस बीमारी के चलते मौत हो चुकी है."
प्रीति ने अपील की है कि "कोई संक्रमण नहीं, कोई भेदभाव नहीं और एड्स के चलते कोई मौत नहीं" अभियान में सभी को एक साथ आना चाहिए. "हर किसी को अपना फर्ज निभाना चाहिए. हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि मां से बच्चे को होने वाले संक्रमण को रोकना होगा. एचआईवी ग्रस्त लोगों के साथ भेदभाव का खात्मा करना होगा."
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एन रंजन