एप्पल दुनिया की सबसे कीमती कंपनी
२१ अगस्त २०१२सोमवार को हुए कारोबार में उसे 2.6 फीसदी का फायदा हुआ जिसके बाद उसके शेयर की कीमत बढ़कर 665.15 डॉलर और मार्केट वैल्यू 623.5 अरब डॉलर हो गई. एप्पल कंप्युटर के साथ ही अत्यंत लोकप्रिय उपकरण आईफोन, आईपैड और आईपॉड बनाती है.
शेयर बाजार में चढ़ने के साथ ही उसने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी माइक्रोसॉफ्ट के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है. तकनीकी कंपनियों के उफान के शीर्ष पर 1999 में सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट वैल्यू 620 अरब डॉलर तक पहुंच गया था. अगर पिछले सालों के अवमूल्यन को ध्यान में रखा जाए तो माइक्रोसॉफ्ट अभी भी इतिहास की सबसे मूल्यवान कंपनी है.
आम तौर पर नया प्रॉडक्ट बाजार में आने से पहले एप्पल के शेयरों की कीमत चढ़ने लगती है. वार्षिक तकनीकी कैलेंडर पर एप्पल का प्रोडक्ट लॉन्च सबसे ज्यादा इंतजार वाले कार्यक्रमों में शामिल है. एप्पल की आमदनी का आधा से ज्यादा आईफोन की बिक्री से आता है. सूत्रों ने कहा है कि 12 सितंबर को एप्पल आईफोन के एक बड़े वर्जन को बाजार में उतारेगी. इसके अलावा बाजार में वर्चस्व बनाए रखने के लिए आईपैड के छोटे वर्जन लाने की भी योजना है. गूगल और अमेजन जैसे प्रतिद्वंद्वियों ने 7 इंच का टैबलेट बेचना शुरू कर दिया है.
एप्पल के शेयरों के भाव में 2.6 फीसदी का उछाल आया जिसके साथ इस महीने शेयरों के भाव में कुल 9 फीसदी की वृद्धि हुई है. वॉल स्ट्रीट पर एप्पल ने हंगामा मचा रखा है. निवेशकों को पूरी उम्मीद है कि नए आईफोन के बाजार में आने से एक बार फिर हंगामा मचेगा और लोग पागलपन की हद तक जा कर उसे खरीदेंगे.
बाजार मूल्य के मामले में एप्पल ने पिछले साल एक्सन मोबिल को पीछे छोड़कर पहला स्थान हथिया लिया था. सोमवार के बाद वह दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है.
बैर्न्सटाइन रिसर्च के टोनी साक्कोनागी आईफोन और आईपैड के पर्याप्त संख्या में पुर्जों के उपलब्ध होने का मुद्दा उठाते हैं जिसकी वजह से अतीत में एप्पल को मांग पूरी करने में परेशानी हुई है.
एस एंड पी के वरिष्ठ विश्लेषक हॉवर्ड सिल्वर ब्लाट चेतावनी देते हैं, "हर कोई विजेता को प्यार करता है. यदि आप तेज मुनाफा चाहते हैं तो सावधान रहें. यदि निवेशक हैं तो कंपनी की बुनियाद और कारोबारी योजना को चेक करें ताकि आपका फैसला जोश पर आधारित न हो."
एमजे/एनआर (डीपीए, रॉयटर्स)