एरिजोना गोलीबारी को राजनीतिक रंग न दोः ओबामा
१३ जनवरी २०११टूसॉन के मेमोरियल सर्विस में आए हजारों लोगों के सामने ओबामा ने कहा कि कोई नहीं जानता कि क्यों उस बंदूकधारी ने अंधाधुंध गोलियां बरसा कर छह लोगों की जान ले ली और अमेरिकी सांसद गैब्रिएल गिफर्ड्स को गंभीर रूप से घायल कर दिया. उनके मुताबिक, "हम में कोई नहीं जानता कि उन गोलियों को चलने से कैसे रोका जा सकता था और हिंसा करने वाले के मन में क्या चल रहा था." ओबामा ने कहा कि इस घटना की 'आसान वजह' न तलाशी जाए.
22 वर्षीय जैर्ड ली लैफनर पर पिछले शनिवार को टूसॉन के शॉपिंग सेंटर के बाहर हो रही एक रैली के दौरान गिफर्ड्स और अन्य लोगों पर गोलियां बरसाने के आरोप तय किए गए हैं. मरने वालों में एक संघीय जज और गिफर्ड्स के एक सहयोगी भी शामिल थे.
आंखें खोलीं
ओबामा ने अपनी एरिजोना यात्रा की शुरुआत यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर से की, जहां गिफर्ड्स भर्ती हैं. उनके सिर में गोली मारी गई लेकिन वह बच गईं. ओबामा इस हमले में घायल चार अन्य लोगों से भी मिले. ओबामा ने एरिजोना यूनिवर्सिटी के अंदर 14,000 लोगों को जब यह बताया कि गिफर्ड्स ने आंखें खोल ली हैं, तो वहां खुशी की लहर दौड़ गई. ओबामा और उनकी पत्नी को मेडिकल सेंटर से निकल जाने के बाद यह जानकारी दी गई.
ओबामा ने कहा, "गैबी ने अपनी आंखें खोली हैं. तो मैं आपको बता सकता हूं कि वह जानती हैं कि आप सब यहां मौजूद हैं. वह जानती हैं कि हम उन्हें प्यार करते हैं. मैं चाहता हूं कि हम उम्मीदों को पूरा करें. मैं चाहता हूं कि हमारा लोकतंत्र उतना ही अच्छा हो जितना गिफर्ड्स इसे मानती हैं." राष्ट्रपति ने उस राजनीतिक बहस में पड़ने से भी परहेज किया जिसके मुताबिक गोलीबारी की इस घटना को पिछले साल कांग्रेस चुनावों के दौरान हुई कड़ी बयानबाजी से जुड़ा बताया जा रहा है. ओबामा ने कहा, "हमें इस त्रासदी का इस्तेमाल खुद को एक दूसरे से बेहतर साबित करने के लिए नहीं करना चाहिए."
कामयाब रहे ओबामा
राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिकी लोगों से भावुक रिश्ता कायम करने में अकसर मुश्किलों का सामना करने वाले राष्ट्रपति ओबामा के सामने लोगों को सांत्वना देने और उन्हें एकजुट करने की चुनौती थी. लेकिन वह इसमें कामयाब रहे. उन्होंने खासकर 9 साल की एक बच्ची की मिसाल दी जो 11 सितंबर 2001 को पैदा हुई. ठीक उसी दिन जब अमेरिका पर आंतकवादी हमला हुआ. यह बच्ची भी उस कार्यक्रम में मौजूद थी जहां गिफर्ड्स को गोली मारी गई.
वर्जिनिया यूनिवर्सिटी में राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर लैरी साबातो का कहना है कि ओबामा ने अपना मकसद हासिल कर लिया है. उनके मुताबिक, "उन्होंने ठीक वही किया जिसकी उनसे उम्मीद थी. उन्होंने राजनीतिक बयानबाजी में पड़े बिना हमले में शिकार बनने वाले लोगों और उनके परिवारों पर ही अपना ध्यान केंद्रित किया."
इस गोलीबारी कांड के बाद यह चर्चा गर्म हो गई कि क्या इसकी वजह कांग्रेस चुनावों के दौरान हुई तीखी राजनीतिक बयानबाजी है. दोनों पार्टियों के नेता वॉशिंगटन में राजनीतिक बयानों के तेवर कम करने की बात कर रहे हैं. अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रहीं सारा पैलिन ने बुधवार को अपने तीखे बयानों का बचाव किया है, लेकिन अपनी आलोचना को खून के छीटों भरी मानहानि कह कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः महेश झा