एशिया कपः ऑस्ट्रेलिया के सामने भारत
१० जनवरी २०११नतीजे के बारे में बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत भी नहीं है. एक तरफ फीफा की 142वें नंबर की टीम इंडिया है, तो दूसरी तरफ तीन बार वर्ल्ड कप खेल चुकी और पिछले बार एशिया कप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंच चुकी ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम है.
भारत में क्रिकेट के सामने फुटबॉल नहीं चलता और जब बात अंतरराष्ट्रीय मैचों की होती है, तो कोई भारत को पूछता तक नहीं. लेकिन 2007 और 2009 में नेहरू कप जीत कर भारत ने फुटबॉल प्रेमियों के मन में थोड़ी बहुत उम्मीद जगाई है और इसी उम्मीद की नैया पर सवाल भारतीय टीम कतर में एशिया कप खेलने पहुंची है.
बॉब हॉटन के तौर पर टीम में इंग्लैंड का कोच है, जिसने टीम में उम्मीद के साथ साथ आत्मविश्वास भरने की कोशिश की है, जिसका नतीजा यह निकला है कि हाल के दिनों में भारत ने कुछ अच्छे फुटबॉल मैच खेले हैं.
जहां तक खिलाड़ियों का सवाल है, आम जानकारी रखने वाले लोगों को कप्तान बाइचुंग भूटिया के अलावा शायद ही किसी दूसरे फुटबॉल खिलाड़ी का नाम पता हो. लेकिन साल भर से चोटिल चल रहे भूटिया का मैच खेलना पक्का नहीं है. वह मैच के लिए फिट नहीं हैं लेकिन टीम के साथ हैं.
कोच हॉटन का कहना है, "वह अपने चोटों से निजात नहीं पा सके हैं. वह निश्चित तौर पर मैच के लिए फिट नहीं हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि आधे घंटे या 45 मिनट भी वह खेल लें तो मैच में जान आ सकती है." भूटिया ने भारत के लिए सबसे ज्यादा 102 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 42 गोल किए हैं.
भारत 27 साल बाद एशिया कप में क्वालीफाई कर पाया है. हालांकि भारत का फुटबॉल इतिहास इतना बुरा भी नहीं है. 1950 के वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम चुन ली गई थी लेकिन तब फीफा ने उन्हें नंगे पांव खेलने की इजाजत नहीं दी और भारत ने नाम वापस ले लिया. जहां तक एशिया कप का सवाल है, भारत ने 1964 में फाइनल तक में जगह बना ली थी, जहां इस्राएल के हाथों उसे हार झेलनी पड़ी.
पर आंकड़ों के लिहाज से ऑस्ट्रेलिया कहां है, यह भी जान लिया जाए. ऑस्ट्रेलिया की टीम को अंतरराष्ट्रीय मैच में सबसे ज्यादा गोल अंतर से जीतने का श्रेय हासिल है. 2002 वर्ल्ड कप क्वालीफाइंग मैच में उसने टोंगा के खिलाफ 22-0 से जीत हासिल की, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बना. दो दिन बाद ही उसने यह रिकॉर्ड और सुधार लिया और अमेरिकी समोआ को 31-0 से धूल चटा दी. फीफा रैंकिंग में वह 26वें नंबर पर है. वर्ल्ड कप में 32 टीमें होती हैं, लिहाजा उसे विश्व स्तरीय टीम कहा जा सकता है.
पर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान लुकस नील का कहना है कि वे भारत को हल्के में लेने की गलती नहीं करेंगे. उनका कहना है, "भारत चौंका सकता है. लेकिन हम अपने पर ज्यादा ध्यान देंगे और जल्दी ही शुरुआत कर देने की कोशिश करेंगे. हम उन्हें दबाव में डालने की कोशिश करेंगे. सब सोच रहे हैं कि हम जीत जाएंगे लेकिन फुटबॉल में कुछ भी हो सकता है और हमें इस बात को पक्का करना है कि कहीं हम ही सबको न चौंका दें."
ऑस्ट्रेलिया की टीम के खिलाड़ी इंग्लिश प्रीमियर लीग और यूरोप के दूसरे बड़े क्लबों में खेलते हैं और जाहिर है उनके पास अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल का ज्यादा अनुभव है. भारत में सिर्फ भूटिया ही विदेशी लीग में खेल पाए हैं.
इस ग्रुप में बहरीन और दक्षिण कोरिया की मजबूत टीमें भी हैं.
रिपोर्टः अनवर जे अशरफ
संपादनः ओ सिंह