ऑस्ट्रेलिया से हार कर जर्मन फुटबॉल टीम हैरान
३० मार्च २०११जर्मनी के डॉर्टमुंड शहर में चल रहे मैच के नतीजों को देख जर्मन टीम के कोच योआखिम लोएव ने कहा कि मैच में जीतना या हारना कोई बड़ी बात नहीं थी. खासकर क्योंकि उन्होंने जर्मन टीम के दिग्गजों को आराम देने की सोची और इस मैच में खेलने वाले सारे नए खिलाड़ी थे. "मुझे कोई खास परेशानी नहीं है. हमें उन्हें मैच का अनुभव दिलाना था. पिछले साल विश्व कप से पहले हम कुछ दोस्ताना मैच हार गए थे और मुझे इन मैचों की जरूरत है क्योंकि मैं इनमें प्रयोग कर सकता हूं....हाफटाइम से पहले हम काफी अच्छा खेल रहे थे लेकिन फिर हमने मैच उन्हें दे दिया. हम मैच जीतना चाहते थे लेकिन यह हमारा खेल था ही नहीं."
हाफटाइम से पहले जर्मन खिलाड़ी गोमेज ने आंद्रे शुएर्ले की मदद से एक शानदार गोल दागा और ऑस्ट्रेलिया के गोलकीपर मार्क श्वारजर को बचाव का मौका ही नहीं दिया. लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम हाफटाइम के बाद जबरदस्त फॉर्म में दिखी. 61वें मिनट पर ऑस्ट्रेलिया के कार्नी ने गोल दागा जो ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में जर्मनी के खिलाफ उनका 1,000वां गोल था. तीन ही मिनट बाद जर्मनी के क्रिस्टियान ट्रेश की गलती से रेफरी ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को पैनल्टी शूटआउट का मौका दिया. जर्मनी के गोलकीपर टीम वीजे ऑस्ट्रेलियाई स्ट्राइकर विल्कशायर का सामना नहीं कर पाए और ऑस्ट्रेलिया ने इस तरह से एक और गोल अपने नाम कर लिया. खेल के नतीजे से चिंतित कोच लोएव ने हाफटाइम के बाद मिरोस्लाव क्लोजे को मैदान में लाकर कुछ अच्छा करने की कोशिश की लेकिन क्लोजे का प्रदर्शन भी उम्मीदों से कम ही रहा.
उधर ऑस्ट्रेलिया के कोच होल्गर ओजीक अपनी टीम की जीत से चकित थे. आजीक ने कहा, "हम अच्छा खेलना चाहते थे और हम दिखाना चाहते थे कि हमारी टीम ताकतवर है. लेकिन हमनें नतीजे के बारे में नहीं सोचा. मैं जीत से बहुत खुश हूं लेकिन मैं मानता हूं कि हम हाफटाइम से पहले बहुत दबाव में थे." ओजीक 1990 में जर्मनी के तब के कोच फ्रांत्स बेकेनबाउअबर के सहयोगी थे. उस साल जर्मनी ने विश्व कप जीता.
रिपोर्टः डीपीए/एमजी
संपादनः एन रंजन