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ओबामा का सिरदर्द ग्वांतानामो जेल

११ जनवरी २०१२

दुनिया का सबसे ताकतवर इंसान भी दुनिया की सबसे विवादित जेल को बंद नहीं करा सका. ग्वांतानामो बंद करने के वादे के साथ पिछला चुनाव लड़ने वाले बराक ओबामा नया चुनाव लड़ने जा रहे हैं और क्यूबा की जेल उन्हें मुंह चिढ़ा रही है.

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तस्वीर: AP

राष्ट्रपति बनने के बाद बराक ओबामा ने पहला काम किया था कि 22 जनवरी, 2009 को उस बिल पर दस्तखत किए थे, जिसके आधार पर ग्वांतानामो जेल को साल भर में बंद कर देना था. तीन साल हो गए हैं. जेल वहीं खड़ी है. कैदी भरे हैं और ओबामा बेबस से न सिर्फ उसे देख रहे हैं, बल्कि मान चुके हैं कि यह जेल किसी तय वक्त में बंद नहीं की जा पाएगी.

लोकतांत्रिक मूल्यों की बात करने वाले अमेरिका की छवि पर किसी काले धब्बे की तरह चस्पा ग्वांतानामो जेल में 40 ऐसे कैदी भी हैं, जिनके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं है. लेकिन उन्हें शायद कभी भी न छोड़ा जाए क्योंकि अमेरिका कहता है कि उन्हें छोड़ा गया तो अमेरिका की सुरक्षा पर खतरा पैदा हो सकता है.

Obama Bild auf Guantanamo Basis
सिर्फ तस्वीर बदलीतस्वीर: picture-alliance/ dpa

कहां जाएंगे कैदी

ओबामा ने शुरुआती दिनों में ही इसे बंद करने का फैसला तो कर लिया लेकिन कुछ ही महीने बाद उन्हें समझ आ गया कि उन्होंने एक राजनीतिक भूल कर दी है. कैदियों के भविष्य पर सहमति के बिना ग्वांतानामो को बंद किया ही नहीं जा सकता है. आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध में उसके साथी देश भी आम तौर पर ग्वांतानामो के कैदियों को अपने देश में रखने को राजी नहीं हैं.

हालांकि ओबामा ने हिम्मत नहीं हारी है. उनका कहना है, "राष्ट्रपति के तौर पर मैं कहना चाहता हूं कि इस घाव को मैं पकने नहीं दूंगा. हमारी सुरक्षा व्यवस्था इसकी इजाजत नहीं देती. हमारी अदालत इजाजत नहीं देती और हमारा जमीर इजाजत नहीं देता."

राजनीतिक भूल

लेकिन जानकारों का कहना है कि ऐसे फैसले जमीर की बात सुन कर नहीं किए जाते. प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर जूलियन जेलीजर का कहना है कि राजनीतिक तौर पर उन्हें इसका भारी नुकसान हुआ है और अमेरिकी कांग्रेस में ग्वांतानामो की जेल बंद करने पर कोई उत्साह नहीं दिखता है.

Symbolbild Obama Guantanamo USA Folter Gefängnis Terror Copyright: AP/DW
Symbolbild Obama Guantanamo USAतस्वीर: AP/DW

सबसे बड़ी समस्या इसके कैदी हैं. क्यूबा की धरती पर यह अमेरिका की गैरकानूनी जेल है. वहां कानून की किसी को परवाह नहीं. लेकिन अगर ये कैदी अमेरिकी धरती पर ले जाए गए, तो उनके खिलाफ सिर्फ अमेरिकी कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है. अगर अमेरिका के साथी मुल्क उन्हें अपने देश में किसी जेल में रखने को राजी हुए, तो उनके यहां आतंकी हमले का खतरा बन सकता है और सुरक्षा पर भी खास ध्यान देना होगा.

जिस राष्ट्रपति ओबामा ने जनवरी, 2009 में इस जेल को बंद करने का कदम उठाया, उसी राष्ट्रपति ने दो साल बाद जनवरी, 2011 में ऐसे बिल पर दस्तखत कर दिया, जिसके आधार पर इसके कैदियों को अमेरिकी धरती या किसी दूसरे देश न भेजे जाने की बात कही गई थी. यानी जेल बंद करने के दरवाजे बंद हो गए.

जुल्म की तस्वीर

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि ग्वांतानामो कानून की धज्जियां उड़ाती है. ह्यूमन राइट्स फर्स्ट की प्रेसीडेंट एलीसा मसीमिनो का कहना है, "ग्वांतानामो नाइंसाफी का निशान बन गया है और यह अमेरिका की छवि पर काला दाग है."

Häftlinge in Guantanamo Symbolbild Fragezeichen
कब तक रहेगी जेलतस्वीर: AP / DW

ओबामा जब दूसरी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने जा रहे हैं, उनके सामने ग्वांतानामो जैसी राजनीतिक मर्यादा से जुड़ी समस्या है और दूसरी तरफ आर्थिक संकट से जूझती अमेरिकी जनता की प्रैक्टिकल चुनौती. एक बार मुंहकी खा चुके ओबामा शायद दूसरी बार अपने चुनाव प्रचार में ग्वांतानामो की चर्चा भी न करें. मसीमिनो का कहना है, "ग्वांतानामो जेल के चारों तरफ जहरीला राजनीतिक कवच है. लेकिन यह शीर्ष पद पर बैठे नेता की लाचारी भी दिखाता है."

जानकारों का कहना है कि आने वाले कई कई सालों में ग्वांतानामो जेल बंद नहीं होने वाली. अभी तो सिर्फ 10 बरस हुए हैं, हो सकता है कि अगला दशक भी यूं ही निकल जाए.

रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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