ओबामा के गुरु हैं मनमोहन
१० मई २०१०जलवायु परिवर्तन सम्मेलन की ठंडी पड़ चुकी ख़बरों को रविवार को भारतीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने नई गर्माहट दी. रमेश ने दिसंबर-जनवरी में हुए इस सम्मेलन का दिलचस्प वाकया लोगों के सामने रखा. उन्होंने कहा, ''जब ओबामा कमरे में बैठकर बातचीत कर रहे थे तो उन्होंने तीन बार हमारे प्रधानमंत्री को गुरू कहकर संबोधित किया.''
रमेश के मुताबिक कोपेनहेगन में बातचीत में आए गतिरोध को तोड़ने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत, चीन, ब्राज़ील और दक्षिण अफ़्रीका के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की. तब ओबामा सबसे पहले मनमोहन की तरफ़ बढ़े और पूछा, ''मिस्टर गुरु अब हम क्या करें.'' जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान यह चारों देश बेसिक नामके एक संगठन के ज़रिए साथ थे. बेसिक देश विकसित देशों द्वारा बाध्यकारी जलवायु संधि थोपे जाने का विरोध कर रहे थे.
पर्यावरण मंत्री ने माना है कि जॉर्ज बुश के वक्त भारत और अमेरिका से जैसे मधुर संबंध बने, अब हवा वैसी नहीं बह रही है. उन्होंने कहा, ''राष्ट्रपति बुश दुनिया के लिए ख़राब थे लेकिन भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ थे. बुश को ध्यान में रखकर अगर तुलना की जाए तो अन्य अमेरिकी राष्ट्रपति कुछ पीछे दिखाई पड़ेंगे.''
रमेश ने कहा कि ओबामा भी भारत के साथ बेहतर संबंध बरकरार रखे हुए हैं और बुश दौर से उनकी तुलना नहीं करनी चाहिए. ओबामा की अफ़ग़ान-पाक नीति पर रमेश ने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि ओबामा की अफ़ग़ान नीति से किसी को परेशान होने ज़रूरत है. मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान से निकट संबंध बनाने के पीछे अमेरिका की भारत विरोधी मानसिकता है.''
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़