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ओबामा प्रशासन की पलटी, ग्वांतानामो में चलेगा केस

५ अप्रैल २०११

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा खुद को 9/11 के आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड बताने वाले खालिद शेख का मुकदमा नागरिक अदालत के बजाय ग्वांतानामो में चलाने पर राजी हो गए हैं. विपक्षी दल इसकी मांग कर रहे थे.

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तस्वीर: dapd

अमेरिका के अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने नीति में इस उलटफेर के लिए सांसदों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, "दिसंबर में फैसला लिया गया कि न्यूयॉर्क की अदालत में 9/11 के आतंकी हमले के मुकदमों के लिए पैसा नहीं दिया जाएगा. इस फैसले ने हमारे हाथ बांध दिए और हमें सैनिक मुकदमों को फिर से शुरू करने पर मजबूर होना पड़ा."

किरकिरी

अटॉर्नी जनरल के एलान से प्रशासन की खासी किरकिरी हुई है. नवंबर 2009 में अमेरिकी प्रशासन ने फैसला किया था कि 11 सितंबर के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले खालिद शेख मोहम्मद और चार दूसरे आरोपियों पर मुकदमा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के हमले की जगह के नजदीक एक अदालत में चलाया जाएगा. इस फैसले का मानवाधिकार संगठनों ने स्वागत किया था लेकिन कई सांसदों ने इसका विरोध किया था. खासतौर पर रिपब्लिकन सांसद ओबामा सरकार के इस फैसले के सख्त खिलाफ थे.

11. September Prozess Todesstrafe
खालिद शेख मोहम्मदतस्वीर: AP

चुनावी वादा चूके ओबामा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चुनावों के दौरान ही वादा किया था कि वह ग्वांतानामो खाड़ी की बदनाम जेल को बंद कर देंगे. लेकिन सोमवार को हुआ एलान साबित करता है कि वह अब भी इस फैसले के राजनीतिक विरोध से निपट नहीं पाए हैं. संयोग ही है कि यह एलान उसी दिन हुआ जिस दिन बराक ओबामा ने 2012 में दोबारा चुनाव लड़ने की घोषणा की.

दक्षिणपंथी थिंक टैंक हेरिटेज फाउंडेशन में विदेश नीति विशेषज्ञ जेम्स काराफानो कहते हैं कि पांच लोगों पर सैन्य अदालत में मुकदमा चलाने का फैसला तार्किक है और ओबामा ऐसे किसी फैसले से अपना राजनीतिक नुकसान नहीं करना चाहेंगे. उन्होंने कहा, "आजकल अमेरिकी जनता मुद्दों को नजरअंदाज कर देती है. यहां तक कि ग्वांतानामो का सख्त विरोध करने वाले यूरोपीय भी इस मुद्दे को भूल चुके हैं."

क्यूबा में बनी ग्वांतानामो जेल में अब भी 172 कैदी हैं. 2009 में ओबामा के पद संभालने के वक्त इस जेल में 245 कैदी थे.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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