ओलंपिक में पेस के साथ नहीं खेलूंगा: भूपति
१६ जून २०१२भारत के टेनिस असोसिएशन ने दो टूक कहा है कि वह लंदन ओलंपिक्स में खिलाड़ियों की जोड़ी नहीं बदलेंगे. आएटा के अध्यक्ष अनिल खन्ना ने कड़ा बयान देते हुए कहा कि पहले राष्ट्र आता है. "मैं चाहूंगा कि महेश थोड़े परिपक्व हों. दोनों को (भूपति और बोपन्ना) को यह समझना होगा कि राष्ट्र एक दूसरे के लिए प्रतिबद्धता से पहले आता है." खन्ना का दावा है कि जीतने वाली टीम सिर्फ पेस और भूपति की हो सकती है. "ओलंपिक अलग है और ग्रैंड स्लैम से मुश्किल है. दबाव और प्रतियोगिता में हम ऐसी ही टीम भेज सकते हैं जो जीत कर आ सकती हो." भारतीय ओलंपिक समिति ने आएटा से रिपोर्ट मांगी है कि वह किस आधार पर खिलाड़ियों को भेज रही है. भारतीय ओलंपिक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष विजय कुमार ने आएटा को चिट्टी में लिखा है कि "इस समय हमारा ध्यान सिर्फ इस बात पर होना चाहिए कि कौन से खिलाड़ी मेडल जीत कर ला सकते हैं. चूंकि टीम ओलंपिक समिति के नाम के साथ जा रही है इसलिए वह इस बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं."
ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन (आएटा) ने शुक्रवार को महेश भूपति और पेस को एक साथ ओलंपिक्स में भेजने की बात कही थी. इसी के बाद भूपति ने साफ किया कि वह अपने मौजूदा साथी रोहन बोपन्ना के साथ ही खेलना चाहेंगे. भूपति इस समय लंदन में बोपन्ना के साथ विम्बल्डन की तैयारी कर रहे हैं.
लंदन में समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में उन्होंने कहा, "मैं उन्हें बता चुका हूं कि मैं पेस को अपने जोड़ीदार के रूप में नहीं चाहता. मैं उन्हें यह भी बता चुका हूं कि अगर वे मुझे रोहन के साथ नहीं चुनते तो मैं मैच खेलने के लिए उपलब्ध नहीं हूं." आएटा से अपनी नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा, "हम पूरा साल यह उम्मीद कर रहे थे कि हम एक साथ ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. यह फैसला हमारे पक्ष में नहीं गया, तो अब हम बस यह उम्मीद ही कर सकते हैं कि कुछ बदलेगा."
"पेस पर भरोसा नहीं"
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में भी उन्होंने कहा कि वह जीवन में दोबारा कभी पेस के साथ खेलना नहीं चाहते. भूपति ने कहा कि वह पेस पर भरोसा नहीं करते, "डबल्स में खेलने का मतलब सिर्फ सर्व करना या वॉली नहीं होता, उसमें आपसी सम्मान और विश्वास भी शामिल होते हैं... पिछले साल के अंत में पेस ने बिना किसी चेतावनी के मेरा साथ छोड़ दिया. उसके बाद मैं उन पर भरोसा नहीं कर सकता."
तीन ग्रैंड स्लैम जीत चुकी भूपति और पेस की जोड़ी में 2002 में दरार आ गई. उस से पहले वे 1999 में फ्रेंच ओपन और विम्बल्डन के खिताब अपने नाम कर चुके थे. 2001 में एक बार फिर उन्होंने रोलां गैरो में बाजी मारी. उस समय उन्हें दुनिया की बेहतरीन जोड़ी माना जाता था. लेकिन अगले ही साल वे बिना कोई वजह बताए अलग हो गए. हालांकि इसके बाद भी 2006 के एशियन गेम्स और 2008 के बीजिंग ओलंपिक्स में उन्हें साथ देखा गया. 2011 के ऑस्ट्रेलियन ओपन में भी वे एक बार फिर साथ आए.
गुस्से में भूपति
पूर्व मिस यूनिवर्स लारा दत्ता से साथ भूपति की शादी में भी पेस शरीक हुए. लेकिन इसके बाद भी दोनों के बीच की दूरी बरकरार रही. भूपति का कहना है कि कोर्ट पर अब उन दोनों में अच्छी केमिस्ट्री नहीं बची, "हमने लम्बे समय से एक साथ प्रैक्टिस नहीं की है. यहां तक कि हमने पिछले नवम्बर से एक दूसरे से बात भी नहीं की है... इसलिए इसका कोई मतलब ही नहीं बनता."
भूपति अपने फैसले पर अटल दिख रहे हैं. पूछे जाने पर कि क्या वह इस बारे में दोबारा विचार करना चाहेंगे, उन्होंने दो टूक कहा, "रोहन और मैं पीछे नहीं हटेंगे. हम दोनों को लगता है कि हमने देश का प्रतिनिधित्व करने का हक मिल कर कमाया है. हमने अपने जीवन के छह महीने केवल इसे दिए हैं."
आईबी/एएम (एएफपी,रॉयटार्स)