कंधार में कई धमाके, 30 की मौत
१४ मार्च २०१०कंधार के मुख्य अस्पताल के प्रमुख अब्दुल क़यूम पुखला ने बताया कि 27 मृत और 52 घायलों को अस्पताल लगाया गया जिसमें पुलिस और आम लोग शामिल हैं. वहीं प्रांतीय परिषद के प्रमुख और राष्ट्रपति हामिद करज़ई के भाई अहमद वली करज़ई ने बताया कि धमाकों में 30 लोगों की मौत हुई है. अधिकारियों का कहना है कि सबसे बड़ा धमाका शहर के बाहरी इलाक़े में स्थित एक जेल पर हुआ है. शायद चरमपंथी दो साल पहले जेल तोड़े जाने की घटना को दोहरा चाहते थे. उस वक़्त उन्होंने सैकड़ों तालिबान लड़ाकों को छुड़ा लिया था.
शनिवार को हुए धमाकों में मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. एक धमाके में पुलिस प्रमुख के परिसर को निशाना बनाया जिसके पास एक हॉल में शादी हो रही थी. इसके अलावा एक धमाका अहमद वली करज़ई के घर के पास खड़ी मोटरसाइल पर रखे गए विस्फोटक से हुआ तो एक अन्य धमाका साइकल पर सवार आत्मघाती हमलावर ने किया. अहमद वली करज़ई का मानना है कि इन धमाकों का मक़सद जेल में हुए धमाके से ध्यान हटाना हो सकता है.
अपनी वेबसाइट पर जारी बयान में तालिबान ने कहा है कि उन्होंने नैटो कमांडरों को संदेश देने के लिए ये धमाके किए हैं जो कंधार में एक बड़ा अभियान छेड़ने की तैयारी कर रहे हैं. तालिबान का कहना है कि उन्होंने "मुजाहिदीनों के दुश्मनों" को भारी नुक़सान पहुंचाया है.
अहमद वली करज़ई ने कहा कि धमाकों का मुख्य निशाना जेल ही थी. 2008 में जेल के पास ट्रक धमाका कर चरमपंथियों ने 1000 हज़ार क़ैदियों को छुड़ा लिया था जिसमें 400 तालिबान लड़ाके भी शामिल थे. लेकिन अहमद वली करज़ई ने कहा कि इस बार चरमपंथी के ऐसे इरादे कामयाब नहीं हो पाए क्योंकि पिछले हमले के बाद कनाडा के सैनिकों ने जेल की क़िलेबंदी कर दी थी.
नैटो के नेतृत्व वाली आईसैफ़ सेना के प्रवक्ता ने कम से कम तीन धमाकों की पुष्टि की है और कहा है कि अफ़ग़ान अधिकारियों के आग्रह पर विदेशी सैनिक मदद कर रहे हैं. कंधार में एक के बाद एक तालिबान के हमले होते रहे हैं और अमेरिकी नेतृत्व वाली सेनाएं इस शहर और आसपास के इलाक़े से चरमपंथियों के सफ़ाए के लिए इस साल एक बड़ा अभियान छेड़ने की योजना बना रही हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह