कजाकिस्तान पर जर्मनी की 4-0 से जीत
२७ मार्च २०११"जाहिर है कि हम अपने पैमाने पर खुद को नापना चाहते थे. ऐसे डिफेंसिव प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ पहले हाफ के खेल पर संतुष्ट हुआ जा सकता है", मैच के बाद राष्ट्रीय टीम के कोच योआकिम लोएव का कहना था. अधिकतर दर्शकों की तरह उनका भी मानना था कि मैच में टेंपो नहीं दिख रहा था.
कजाक दीवार
वैसे मैच के शुरुआती मिनटों में मेसुत ओएजिल व मिडफील्डर काफी आक्रामक खेल दिखा रहे थे और कई बार गेंद खतरनाक ढंग से प्रतिद्वंद्वियों के गोल के पास पहुंची. लेकिन जैसा कि दो गोल दागने वाले थोमास मुइलर का कहना था, "कज्जाक खिलाड़ियों ने पीछे अपनी मोर्चाबंदी कर ली थी और सनसनीखेज खेल दिखाने के मौके कम थे". वैसे जीत तो जीत होती है, और इस जीत के साथ ग्रुप ए में जर्मनी 5 मैचों के बाद अधिकतम 15 अंकों के साथ चोटी पर है. दूसरे स्थान पर ऑस्ट्रिया और बेल्जियम के 7-7 अंक हैं. कप्तान फिलिप लाम का कहना था, "कहने को तो अब भी मामला बिगड़ सकता है, लेकिन लगता नहीं है कि ऐसा कुछ होगा."
खिलाड़ियों की आजमाइश
शनिवार के इस मैच में बाकी दो गोल मिरोस्लाव क्लोजे ने दागे, जो राष्ट्रीय टीम की ओर से उनके 60वें और 61वें गोल थे. लेकिन दर्शकों को खासकर पसंद आया ओएजिल, लुकास पुडोलस्की और कप्तान लाम का खेल. खासकर लाम को डिफेंस में कुछ खास करना नहीं पड़ रहा था और वह ज्यादातर समय आगे बढ़कर मध्य मैदान में खेल रहे थे.
मंगलवार को जर्मन राष्ट्रीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैत्रीपूर्ण मैच खेलना है. कोच लोएव इस मैच में आंद्रे शुएरले जैसे नए खिलाड़ियों को मौका देना चाहते हैं. कजाकिस्तान के साथ मैच में भी होल्गर बाडश्टुबर या डेनिस आओगो जैसे युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया. कोच की नजर सन 2012 की यूरोपीय चैंपियनशिप प्रतियोगिता पर है. उससे पहले वह ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को जांच लेना चाहते हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: वी कुमार